आज कार्तिक माह की पूर्णिमा है और इस दिन का हिन्दू धर्म में बड़ा महत्व है। आपको बता दे कि पूर्णिमा को चन्द्रमा पूर्ण बलवान होता है वही दूसरी और यह दिन भगवान विष्णु की पूजा का भी होता है।
माना जाता है की इस दिन खुद देवता धरती पर आते है और विचरण करते है। यही कारण है की काशी में इस दिन को देव दिवाली के नाम से जाना जाता है। काशी शिव की नगरी है और इस दिन सभी घाटों पर लाखों की संख्या में दिए जलाए जाते है।
इस दिन स्नान के साथ दान का भी बहुत बड़ा महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा में या तुलसी के पास दीप जरूर जलाने चाहिए।
पूर्णिमा तिथि की शुरुआत रविवार की दोपहर 12 बजकर 47 मिनट से ही हो चुकी है। कार्तिक पूर्णिमा उदया तिथि में मनाई जाएगी और वहीं दीपदान शाम में किया जाता है, इसलिए देव दीपावली आज शाम में मनाई जाएगी।
ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और भगवान शंकर की आराधना की जानी चाहिए। हिंदू धर्म के अनुसार कार्तिक माह विष्णु जी को बेहद प्रिय होता है। कार्तिक मास की एकादशी के दिन तुलसी का भगवान विष्णु के शालीग्राम रूप के साथ विवाह हुआ था।
शास्त्रों के अनुसार तलसी के पौधे को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। माना जाता है कि जिस घर में तुलसी होती है वहां पर मां लक्ष्मी का वास होता है।
तुलसी माता का पूर्णिमा के साथ भी संबंध है क्यूंकि इसी दिन उनका अवतरण हुआ था। मान्यता है कि इस दिन घर में तुलसी के पौधे के आगे दीपक जलाने और भगवान विष्णु की पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।