डिएगो माराडोना को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों की तादाद में फुटबॉलप्रेमियों का हुजूम सड़कों पर उमड़ पड़ा, जो आंखों में आंसू और हाथ में अर्जेंटीना का झंडा लिए फुटबॉल के गीत गाते रहे। इन्हें नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा।
माराडोना के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन शाम छह बजे बंद कर दिए गए। इससे उनकी एक झलक पाने को आतुर दर्शक उतावले हो गए और कब्रिस्तान के दरवाजों पर तनाव पैदा हो गया। वहीं, जार्डिन बेल्ला विस्टा कब्रिस्तान पर एक निजी धार्मिक समारोह और अंतिम संस्कार के लिए करीब दो दर्जन लोग मौजूद थे। माराडोना को उनके माता-पिता डालमा और डिएगो के पास दफनाया गया।
माराडोना अंतिम यात्रा में प्रशंसक फुटबॉल के गीत गा रहे थे जबकि कुछ ने राष्ट्रध्वज लपेटा हुआ था। उन्होंने प्लाजा डे मायो से 20 ब्लॉक की दूरी पर लंबी कतार बना रखी थी। यह वही जगह है जहां माराडोना की अगुवाई में 1986 विश्व कप जीतने पर जश्न मनाया गया था। उनके अंतिम दर्शन का समय कम करने से क्रोधित प्रशंसकों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।
प्रशंसकों ने पुलिस पर पत्थर फेंके जिसके जवाब में पुलिस ने रबर बुलेट चलाई। जानकारी के लिए बता दें कि हिंसा की वजह से कइयों को चोटे आई और गिरफ्तारियां भी हुई, जिससे माराडोना के परिवार ने सार्वजनिक दर्शन बंद करने का फैसला लिया। इसके बाद ताबूत को कार पर रखा गया जिस पर माराडोना का नाम लिखा था।