नई दिल्ली : मुरली विजय देश के ऐसे पहले बल्लोबाज बन गये जिन्होंने कोरोना वैक्सीन से लेने से इंकार कर दिया। तमिलनाडु ने इस महीने के शुरुआत में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के साथ अपने सीजन का आगाज किया था लेकिन इस फैसले के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया है। बता दें कि घरेलू टी20 सीरीज सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए उनका तमिलनाडु टीम में चयन किया गया था लेकिन उन्होंने वैक्सीन लेने और बॉयो बबल में रहने से साफ इनकार कर दिया।
बीसीसीआई की एसओपी में राज्य संघों को कोविड 19 प्रोटोकॉल नियमों का सख्ती से लागू करने के लिए कहा गया है। सूत्र ने कहा कि मुरली विजय का यह निजी फैसला है। वह वैक्सीन लेने में हिचकिचा रहे हैं। बीसीसीआई एसओपी में कहा गया है कि टूर्नामेंट शुरू होने से पहले खिलाड़ी को बबल में रहने की जरूरत है और इसके बाद जब तक वह टीम के साथ है, तब तक इसमें रहना होगा, मगर विजय ऐसा नहीं करना चाहते। इसीलिए तमिलनाडु के चयनकर्ताओं ने उन्हें चयन के लिए नहीं माना। विजय भले ही टीम में जगह नहीं बना सके, यदि वह वैक्सीन लेने के लिए तैयार भी होते तो उन्हें टीम में जगह के लिए इस उम्र में एक बार फिर अपनी फिटनेस साबित करनी होगी।
बीसीसीआई कर सकता है कार्रवाई
मुरली विजय इस अपने इस फैसले के बाद बीसीसीआई (BCCI) की नजरों में आ गए हैं। माना जा रहा है कि बोर्ड इसे अनुशासनहीनता का मामला मानकर उन पर कार्रवाई भी कर सकता है। ये कार्रवाई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों रूपों में हो सकती है। वैसे मुरली विजय काफी समय से टीम से बाहर चल रहे हैं। उन्होंने अपना अंतिम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच (टेस्ट) साल 2018 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था। मुरली विजय अपने व्यवहार के कारण पहले भी विवादों में आ चुके हैं। कई बार टीम में चयन होने पर वे खुलकर इसका विरोध करते हैं। यही वजह है कि उन्हें काफी समय से राष्ट्रीय टीम में नहीं चुना जा रहा है।
क्या कहता है बीसीसीआई का नियम
किसी भी क्रिकेट टूर्नामेंट को लेकर बीसीसीआई का नियम स्पष्ट है। टूर्नामेंट की शुरुआत से पहले सभी खिलाड़ियों को कोरोना टेस्ट करवाना अनिवार्य होता है। इसके बाद टूर्नामेंट की शुरुआत के एक सप्ताह से लेकर टूर्नामेंट के अंत तक खिलाड़ियों को बॉयो-बबल में रहना होता है। इस दौरान खिलाड़ियों को किसी भी बाहरी व्यक्ति से मिलने और बाहर जाने की आजादी नहीं होती है। ऐसा करने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। बीसीसीआई ने सभी राज्य खेल संघों को भी इस नियम के कड़ाई से पालन करने के निर्देश दे रखे हैं। इससे पूर्व आईपीएल 2021 (IPL 2021) का पहला चरण इसीलिए रद्द करना पड़ा था क्योंकि खिलाड़ियों ने बॉयो-बबल के नियमों की ठीक से पालना नहीं की थी।