रिपोर्ट: गीतांजली लोहनी
नई दिल्ली: वैसे तो हिंदू धर्म में शहद को बहुत ही पवित्र माना जाता है। और इसका उपयोग पूजा-पाठ आदि में किया जाता है। लेकिन अक्सर हर घर में शहद मिल ही जाता है। कई लोग चेहरे में निखार लाने के लिए तो कई लोग फिटनेस मंत्र के रुप में शहद का प्रयोग करते है। लेकिनन क्या आप जानते है कि शहद ज्योतिषी उपायों के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। शहद के उपायों से कुंडली में लगे शनि व मंगल दोष भी कम हो जाते है। तो चलिए बताते है ज्योतिषि विद्या के अनुसार कैसे किया जाता है शहद का उपयोग-
अगर किसी की कुंडली में मंगल ग्रह चौथे या सातवें भाव में हो तो ये अशुभ फल देता है। लेकिन इसकी शुभता के लिए मिट्टी के बर्तन में शहद भरकर उसे सुनसान भूमि में दबा देने से ये आपको अच्छा परिणाम देगा।
अगर आपकी कुंडली में बारहवें मंगल की अशांति है तो नदी में शहद बहाएं या मंगलवार को हनुमानजी को जब दीपक लगाएं तो उसमें थोड़ा शहद भी डाल दें इससे जल्द आपकी कुंडली में शांति हो जाएगी।
जन्म कुंडली में मंगल बारहवें भाव में हो तो रोज सुबह खाली पेट थोड़ा शहद खाना चाहिए। इसके अलावा पानी में शहद मिलाकर लोगों को पिलाना चाहिए।
कुंडली के दूसरे भाव में यदि शुक्र हो तो शहद का दान करना चाहिए। इससे मंगल का उपाय होता है जो कि संतान की समस्या दूर करता है।
शिवजी का शहद से अभिषेक करने से मंगलदोष दूर होता है और कर्जे से मुक्ति भी मिलती है।
शनि की साढ़ेसाती, ढय्या या कुंडली में शनि नीच का होकर बुरे फल दे रहा है तो घर में एक मिट्टी के बर्तन में शहद रखना चाहिए । धीरे-धीरे आपको परिणाम दिखने लगेगा।
अगर आपकी कुंडली में शनि विराजमान है जो किसी भी प्रकार से पीढ़ा दे रहा है तो पांच शनिवार को मंदिर में शहद का दान करना चाहिए। इससे शनि के बुरे फल मिलना बंद हो जाएंगे।