नई दिल्ली : कोरोना वायरस के एक नए वेरिएंट मिलने के बाद इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिला है। जहां आज सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार में सेंसेक्स 1300 अंक तक लुढ़क गया। वहीं, निफ्टी ने 405 अंकों की गिरावट देखी गयी। कारोबार के दौरान निफ्टी 17,130 अंक तक नीचे आ गया।
अगर पिछले डेढ़ महीने के रिकॉर्ड को देखें तो शेयर बाजार में भारी गिरावट आ चुकी है। 19 अक्टूबर को सेंसेक्स 62245.43 अंक के उच्चतम स्तर पर था, जो अब 57,600 अंक के लेवल पर आ चुका है। कहने का मतलब ये है कि करीब डेढ़ महीने के भीतर सेंसेक्स 4500 अंक से ज्यादा टूट चुका है। सवाल है कि आखिर क्यों शेयर बाजार गोते लगा रहा है। कम से कम इतना तो साफ है कि ये गिरावट सिर्फ कोरोना वायरस के वेरिएंट की वजह से ही नहीं आई है। इसके पीछे कई और फैक्टर भी काम कर रहे हैं।
कोरोना ने निवेशकों की चिंता बढ़ाई
दक्षिण अफ्रीका में कोरोना के खतरनाक वैरिएंट मिलने के बाद निवेशकों की चिंताएं भी बढ़ीं। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी थी कि नया वैरिएंट B.1.1.529 डेल्टा से भी कहीं ज्यादा खतरनाक है और दक्षिण अफ्रीका में इसके 30 से अधिक नए मामले मिले हैं। यह वैश्विक सुधार के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है।
न्यू वेरिएंट के प्रभाव विदेशी बाजारों में भी दिखा
कोविड-19 के न्यू वेरिएंट के प्रभाव की अगर बात करें तो इसका विदेशी बाजारो में भी असर दिख रहा है। टोक्यो के नेक्केई 225 में तीन फीसदी की गिरावट आई और हांगकांग के हेंगसेंग में 2.1 फीसदी की गिर गया है। भारत सरकार ने भी राज्यों को दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना और हांगकांग से आने वाले यात्रियों की सख्ती से जांच करने और परीक्षण करने का निर्देश दिया है। इस वहज से घरेलू बाजार मे भी भूचाल देखने को मिल रहा है।