नई दिल्ली : कहा जाता है कि पूत, कपूत हो सकता है, लेकिन माता, कुमाता नहीं हो सकती। वो खुद हर दुख सह लेगी, लेकिन अपने बच्चे पर दुख का आंच तक नहीं आने देगी। लेकिन बिहार के लखीसराय से एक ऐसा दिल झकझोर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने इस कहावत को झूठ साबित कर दिया। और बताया कि माता भी कुमाता हो सकता है।
आपको बता दें कि ये मामला कबैया थाना इलाके के पंजाबी मोहल्ला का है। जहां एक मां ने अपनी 7 दिन की दुधमुंही बच्ची को घर के पास ही जिंदा दफनाने की कोशिश की। हालांकि स्थानीय लोगों की सूझबूझ से बच्ची की तो जान बच गई, लेकिन किसी को ये समझ नहीं आया की आखिर इस महिला ने ऐसा कठोर कदम क्यों उठाया। बताया जा रहा कि बच्ची की मां मानसिक तौर पर अस्थिर है।
स्थानीय लोगों की सूझबूझ से बची बच्ची की जान
खबरों के मुताबिक, वहां मौजूद कुछ लोगों को महिला की हरकत पर कुछ शक हुआ। उन्होंने तुरंत इस मामले की जानकारी पुलिस को दी। इस तरह से उनकी सूझबूझ से बच्ची को सकुशल बरामद कर लिया गया।
सदर अस्पताल में बच्ची को कराया गया भर्ती
SHO राजीव कुमार ने बताया कि नवजात को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बच्ची की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। वहीं पूरे मामले की सूचना के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। वहीं इस आरोप पर महिला ने कहा कि वह अपनी बच्ची को मारने की कोशिश नहीं कर रही थी। खैर मामला जो भी हो, वह पुलिस तफ्तीश के बाद ही सामने आ पायेगा।