रिपोर्ट : संजीव भटनागर / मोहम्मद आबिद
बुलंदशहर: किसान आंदोलन के करीब तीन महीने पूरे होने वाले हैं, आंदोलन के प्रमुख चेहरा राकेश टिकैत इन दिनों अलग-अलग राज्यों में गांव – गांव जाकर किसान महापंचायत कर रहे हैं, गावों में होने वाली इन महापंचायत को धार देने के लिए खुद गांव के किसान पहली पंक्ति में आ खड़े हुए हैं, महापंचायत और गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन धीमा ना पड़े उसके लिए महिलाएं और खेत किसान घर- घर से चंदा दे रहे हैं।
गाजीपुर बॉर्डर में आंदोलित किसानों के तंबू में भले ही किसानों की बड़ी तादाद में भीड़ ना दिखाई दे रही हो, मगर गाजीपुर बॉर्डर से 75 किलोमीटर दूर बुलंदशहर के बीबीनगर में महापंचायत हो रही है और रविवार सुबह किसान आंदोलन से जुड़े आसपास के इलाके के किसान तड़के ही इकट्ठा हो गए और किसान नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में होने वाली किसान महापंचायत के प्रचार के लिए गांव-गांव निकल पड़े।
बतादें की भारतीय किसान यूनियन के साथ स्थानीय किसान जब गांवों में होने वाली महापंचायत का प्रचार कर रहे थे तो क्या बूढे क्या, बूढ़ी दादी, और घर की ग्रहणी महिला के साथ क्या बच्ची एक-एक कर जिस पर जो बना किसान आंदोलन का प्रचार कर रहे किसानों के लिए चंदा देने घर से निकल आगे आए, इनमें किसी के घर का मुखिया नहीं था तो कोई बीमार था तो कोई एक दिन पहले ही कृषि क्रेडिट कार्ड से लोन लेकर के आया था।
बतादें की आंदोलन को 3 महीने पूरे होने को हैं किसानों के कई दौर की बातचीत विफल होने के बाद केंद्र सरकार की तरफ से किसानों के बिल वापसी के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं, किसान नेता राकेश टिकैत अलग-अलग राज्यों में जाकर किसान महा पंचायतों के माध्यम से किसानों को किसान बिल के विरोध में चल रहे आंदोलन मैं दिल की खामियों को किसानों तक पहुंचा रहे हैं।