नई दिल्ली : देश में जारी कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच लगातार डॉक्टर के अमानवीय चेहरे सामने आ रहे है। एक तरफ जहां कुछ डॉक्टर को इस आपदा को अवसर में बदलने की कोशिश कर रहे है, तो वहीं कुछ डॉक्टर अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ते हुए जिंदा को भी मृत बता दे रहे है। क्योंकि वो मरीज एक लाचार परिवार से है, असहाय है, जो उन्हें उनकी इलाज के लिए पैसे नहीं दे सकता।
एक ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के उन्नाव से सामने आया है। जहां एक डॉक्टर ने 4 साल की मासूम बच्ची को बिना हाथ लगाए मृत घोषित कर दिया। मौके पर खड़े लोगों ने जब डॉक्टर के इस आचरण का विरोध किया तो उसके बाद डॉक्टर ने मासूम का उपचार शुरू किया। वहीं, सीएमओ का कहना है कि जानकारी मिली है। बच्ची की हालत गंभीर थी, जिसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
वीडियो बनता देख सतर्क हुआ डॉक्टर
रामापुर थाना पुरवा की रहने वाली श्रीमती 4 साल की भतीजी की तबीयत खराब होने पर उपचार के लिए सीएचसी पुरवा आई थीं। श्रीमती ने बताया कि मौके पर मौजूद डॉ. उमेश कुमार सिंह ने बच्ची को बिना देखे ही मृत बता दिया। जिसका मौके पर खड़े लोगों ने विरोध किया। इसी बीच कुछ लोग वीडियो बनाना शुरू कर दिए। वीडियो बनता देख सतर्क हुए डॉ. उमेश कुमार ने बच्ची का उपचार किया। इसके बाद में उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
शिकायत मिलने पर होगी कार्रवाई
इस संबंध में सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार ने बताया कि मामला जानकारी में आया है। डॉक्टर से कोई गलतफहमी हो गई थी। बच्ची की आंखें पलट गई थी। इसके बाद में उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर बिना आला लगाए, नाड़ी देखें ऐसा नहीं कर सकता है। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी से भी बातचीत की है। शिकायत मिलेगी तो आगे की कार्रवाई होगी। बता दें कि ये घटना शनिवार देर रात की है।