रिपोर्ट – माया सिंह
गुजरात : कोरोना वायरस ने केवल भारत की नहीं बल्कि दुनिया की अर्थव्यवस्था की हालत खराब कर रखी है । इस महामारी के दौरान देश की गरीब जनता कोविड के साथ ही आर्थिक समस्याओं से भी जूझ रही है । ऐसे में लोग एक – दूसरे की मदद कर इंसानियत की मिशाल पेश कर रहे हैं , तो वहीं कुछ ऐसे भी नफाखोर हैं जो खुद के मुनाफे के लिये मृतक के रिश्तेदारों को भी नहीं बख्श रहे हैं । एक ऐसा ही इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला गुजरात के वालसाड़ जिले से सामने आया है । जहां मृतक के रिश्तेदारों ने एक निजी अस्पताल के डॉक्टर पर आरोप लगाया है कि मरीज के मौत होने के बाद शव देने से इंकार कर दिया। उनकी मांग थी कि शव चाहिए तो अस्पताल का पूरा बिल चुकाना पड़ेगा ।
यह पूरा मामला वापी के मशहुर अस्पताल 21 सेंचुरी का है । जहां सरी गांव निवासी एक युवक को कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भर्ती कराया गया था और मंगलवार को इलाज के समय उसकी मौत हो गई ।
कोविड संक्रमित शख्स की मौत होने के बाद अस्पताल वालों ने डेट बॉडी को उसके रिश्तेदारों के हवाले करने से साफतौर पर मना कर दिया । रिश्तेदारों का कहना है कि कोविड संकट में आर्थिक तंगी होने के वजह से अस्पताल का पूरा बिल चुकाने में असमर्थ थे । काफी गिड़गिड़ाने के बावजूद उन्होंने एक नहीं सुनी । उस वक्त परिवार वालों के पास उनके कार के अलावा कुछ नहीं था तो अस्पताल वालों ने उनकी कार को गिरवी रखवा ली, फिर डेड बॉडी परिजनों को सौंपी गई ।
जानकारी के मुताबिक परिजनों ने इसकी शिकायत थाने में कर दी , हालांकि मामला गंभीरतापूर्वक लेते हुये पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गई । बताया जा रहा है कि पुलिस को देखते ही अस्पताल वालों ने दबाव में आकर परिजनों को उनकी कार लौटा दी ।
वहीं इस बारे में अस्पताल के एमडी डॉ. अक्षय नाडकर्णी का कहना है कि अस्पताल की तरफ से उनके बिल में पैसे कम भी किए गये थे, लेकिन परिजनों ने मनमानी तौर पर बिल नहीं चुकाया ।