रिपोर्ट – माया सिंह
लखनऊ : देश में कोरोना वायरस ने कोहराम मचा रखा है । दिन – प्रतिदिन कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है । अब देश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने लगी है । आलम यह है कि इस महामारी के बीच जीवन रक्षा दवाओं की किल्लत हो गई है । सरकार की ओर से किये गये सख्ती के बावजूद रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजरी थमने का नाम नहीं ले रही है । एक बार फिर ऐसा ही शर्मनाक मामला सामने आया है ।
हैरानी की बात यह है कि इस कालाबाजारी में अब डॉक्टर भी शामिल होने लगे है । ऐसे में सवाल उठता है कि जब जीवन रक्षक ही भक्षक बनने पर उतर आये तो लोग क्या करें । एक तरफ इस भयावह वायरस के मार से लोग परेशान हैं तो दूसरी ओर नफाखोरों के वजह से बेबस हैं ।
दरअसल , लखनऊ पुलिस ने 34 वॉयल के साथ दो डॉक्टरों समेंत चार लोगों को हिरासत में लिया है । गिरफ्तार किये गये आरोपियों से पता चला है कि मुख्य सफ्लायर कानपुर का है । बता दें कि पिछले कुछ दिन पहले ही 265 वॉयल इंजेक्शन के साथ तीन आरोपी कानपुर से ही गिरफ्तार किये थे ।
जानकारी के मुताबिक ठाकुरगंज इलाके से पकड़े गये आरोपियों के पास से 34 वॉयल इंजेक्शन सहित 4 लाख, 69 हजार नकद रूपये बरामद किये गये हैं । सभी आरोपी इसी इलाके में अलग – अलग किराये के मकान में रहते थे।
बताया जा रहा है कि पकड़े गये आरोपियों में डॉक्टर अतहर और डॉक्टर सम्राट पांडे संविदा पर काम कर चुके हैं । वहीं पुलिस की मानें तो पकड़ा गया विपिन कानपुर के एक अन्य सप्लायर थापा से इस इंजेक्शन को लेकर आता था और इसे डॉक्टर सम्राट पांडे 15 से 20 हजार रुपये में बेच देता था ।
पुलिस ने जब इस गिरोह के बारे में पता करने के लिये छानबीन की तो पता चला कि विपिन कानपुर के ही एक थापा नामक शख्स से मात्र 5 हजार में खरीदकर लाता था ।
इसके बाद विपिन इसे तहजीब उल हसन तक 5500 में और तहजीब उल डॉक्टर अतहर को 7500 में बेच देते थे । फिर अतहर, डॉक्टर सम्राट पांडे को 10 हजार रुपये में यह इंजेक्शन बेच रहे थे । डॉक्टर पांडे अपने फायदे के लिये जरूरतमंद मरीजों के परिजनों को 15 से 20 हजार रूपये में इंजेक्शन बेचता था ।
हालांकि इनके नेटवर्क को पता करने के बाद पुलिस के सामने यह साफ हो गया है कि इंजेक्शन की कालाबाजरी का केन्द्र कानपुर ही हैं । इससे पहले भी जितने मामले सामने आये सबका नेटवर्क कानपुर से ही रहा है ।