रिपोर्ट: सत्यम दुबे
प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को बड़ा आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया कि अध्यापकों से करवाये जा रहे गैर-शैक्षणिक काम अब नहीं करवाये जा सकेंगे। हाई कोर्ट ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 का जिक्र करते हुए आदेश जारी किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने सूबे के सभी जिलों के जिलाधिकारियों को इससे जुड़ा निर्देश जारी कर दिया है।
आपको बता दें कि हाई कोर्ट ने संबंधित अथॉरिटी, प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी करने के निर्देश दिए हैं।
सूबे में अध्यापकों से अब तक मिड डे मील बंटवाना, भवन और बाउंड्री वॉल का निर्माण, रंगाई पुताई, स्कूल के खातों का संचालन, आधार कार्ड बनवाने में मदद जैसे बहुत से गैर शैक्षणिक काम करवाए जा रहे थे। जिनको अब नहीं करवाया जा सकेगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने निर्देश में कहा है कि शिक्षकों से सिर्फ आपदा, जनगणना और सामान्य निर्वाचन के दौरान ही काम लिया जा सकता है।
इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश में कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत शिक्षकों की ड्यूटी गैर शैक्षिक कार्यों में नहीं लगाई जा सकती। इसके लिए अधिनियम के नियम 27 का जिक्र किया गया। कोर्ट ने नियम 27 और सुनीता शर्मा व अन्य की जनहित याचिका में पारित आदेश का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है।