तमिलनाडु में एक राजनेता द्वारा मनुस्मृति पर की गई टिप्पणी का मामला गरमा गया है। वीसीके प्रमुख टी तिरूमावलवन की टिप्पणी का राज्य में विरोध हो रहा है. बीजेपी नेता खुशबू सुंदर को पुलिस ने मंगलवार को चेंगलपट्टू जिले में हिरासत में ले लिया गया है।
वह विदुथलई चिरुथैगल काच्चि (वीसीके) प्रमुख टी तिरूमावलवन की मनुस्मृति पर कथित टिप्पणी का विरोध करने के लिए वहां जा रही थीं। दरअसल बीते दिनों वीसीके प्रमुख टी तिरूमावलवन ने ‘मनुस्मृति’ पर रोक लगाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया था और आरोप लगाया था कि यह ग्रंथ महिलाओं को नीचा दिखाता है।
हाल ही में वीसीके प्रमुख टी तिरूमावलवन ने एक समूह को संबोधित करने के दौरान दावा किया था कि ‘मनुस्मृति’ महिलाओं को नीचा दिखाता है और मनु धर्म महिलाओं से वेश्याओं के रूप में व्यवहार करता है। उन्होंने मनुस्मृति को बैन करने की भी मांग की थी।
बीजेपी नेता खुशबू सुंदर को उस वक्त हिरासत में लिया गया जब वह बीजेपी की महिला विंग द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन की अगुवाई करने के लिए कुड्डलोर जा रही थीं. पुलिस ने कुड्डलोर में प्रदर्शन की इजाजत देने से मना कर दिया था।
बीजेपी ने तिरूमावलवन से अपने बयान के लिए मांफी मांगने की मांग की है। बीजेपी ने कहा कि उनके इस बयान से सांप्रदायिक तनाव भड़क सकता है। आलोचनाओं पर जवाब देते हुए तिरूमावलवन ने कहा, “मैंने केवल मनुस्मृति का हवाला दिया था।
मनुस्मृति पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. भाजपा सांप्रदायिक झड़प को बढ़ावा देने के लिए फर्जी खबरें फैला रही है।” वीसीके प्रमुख तिरूमावलवन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिसकी डीएमके, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने निंदा की है।
आप को बता दे की खुशबू सुंदर हाल ही में कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामा है। खुशबू ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस से पार्टी के बड़े नेताओं पर आरोप लगाए थे और कहा था कि पार्टी के अंदर शीर्ष स्तर पर कुछ लोग हैं।
जिनका जमीनी स्तर पर कोई संपर्क या सार्वजनिक पहचान नहीं है, वो अपनी बात थोप रहे हैं और मेरे जैसे लोग जो पार्टी के लिये गंभीरता से काम करना चाहते हैं उन्हें पीछे किया जा रहा है और दबाया जा रहा है।
लोकप्रिय तमिल अभिनेत्री खुशबू सुंदर ने साल 2010 में डीएमके से राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद वह साल 2014 में कांग्रेस में शामिल हो गई थीं।