इस बीमारी के बारे में कहा जाता है कि यह बीमारी धीमा ज़हर है, इस बीमारी के बारे में जो सबसे चौकाने वाला तथ्य है कि पहले यह बीमारी 40 साल के ऊपर के लोगों में होती थी लेकिन आज के समय में तो यह बीमारी 20-22 साल के युवाओं को भी हो रही है और यह सबसे चिंताजनक तथ्य है।
मधुमेह हो जाने पर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। इस स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है वही यह बीमारी आनुवांशिक बीमारी भी है।
अगर आपके परिवार में किसी को मधुमेह है तो इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि किसी और को भी यह बीमारी होगी।
स्वामी रामदेव कहते है कि मधुमेह के निदान के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम ठीक रहता है। साथ ही कपालभाती भी फायदेमंद है।
स्वामी रामदेव यह भी कहते है कि मधुमेह के रोगी को खीरा,करेला और टमाटर का जूस भी पीना चाहिए। गिलोय और जामुन का सेवन भी बड़ा लाभकारी होता है।
स्वामी जी कहते है कि अपने भोजन में करेला, मेथी, सहजन, पालक, तुरई, शलगम, बैंगन, परवल, लौकी, मूली, फूलगोभी, ब्रौकोली, टमाटर, बंद गोभी और पत्तेदार सब्जियों को शामिल करना चाहिए।
व्यक्ति को ज्यादा मीठे और खट्टे फल भी नहीं खाने चाहिए और शर्बत ज्यादा नहीं पीना चाहिए। रोज़ 3 से 4 किलोमीटर पैदल चलना चाहिए। वही रात को मेथी दाने भिगोकर रख दे और सुबह उन्हें चबाकर खाये उससे भी मधुमेह नियंत्रित रहता है।