नई दिल्ली : एक तरफ जहां देश में कोरोना ने आफत मचा रखा है, वहीं दूसरी तरफ आज सुबह लगातार एक के बाद एक पांच झटकों ने असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों को दहला कर रख दिया। आपको बता दें कि इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.4 मापी गई है। जिसका भूकंप केंद्र असम का सोनितपुर है। बता दें कि सुबह झटका 7.51 मिनट पर महसूस हुआ, इसके बाद एक के बाद एक पांच बार भूंकप महसूस किया गया। फिलहाल अभी किसी व्यक्ति के हताहत होने की खबर नहीं है।
मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि, ‘असम में तेज भूकंप आया। मैं सभी से सतर्क रहने का आग्रह करता हूं। मैं सभी जिलों से अपडेट ले रहा हूं।’ वहीं असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भूकंप से होने वाले नुकसान की कुछ तस्वीर शेयर की है। आपको बता दें कि भूकंप का प्रभाव असम समेत उत्तर बंगाल में महसूस किया गया है। गुवाहाटी में कई जगह बिजली गुल है। असम के कई घरों में दरारें आ गई हैं।
भूकंप क्यों आता है
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है। इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट, क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर हिलती रहती हैं। जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है। ये प्लेट क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इसके बाद वह स्थिर रहते हुए अपनी जगह तलाशती हैं इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाता है।
Few early pictures of damage in Guwahati. pic.twitter.com/lTIGwBKIPV
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) April 28, 2021
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा केंद्र (एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। इन तरंगों से सैंकड़ो किलोमीटर तक कंपन होता है और धरती में दरारें तक पड़ जाती है। अगर भूकंप की गहराई उथली हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है जिससे भयानक तबाही होती है। लेकिन जो भूकंप धरती की गहराई में आते हैं उनसे सतह पर ज्यादा नुकसान नहीं होता। समुद्र में भूकंप आने पर उंची और तेज लहरें उठती है जिसे सुनामी भी कहते हैं।
भूकंप की तीव्रता कैसे मापी जाती है
भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना इस्तेमाल किया जाता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। दरअसल भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।