प्रयागराज महाकुंभ 2025 के मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर भारी भीड़ के बीच भगदड़ की अफवाह फैलने से अफरा-तफरी मच गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपात बैठक बुलाई और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए उन्होंने कहा कि सभी लोग संगम नोज की ओर जाने से बचें और नजदीकी घाटों पर ही स्नान करें।
सीएम योगी ने की कड़ी कार्रवाई, अफसरों पर गिर सकती है गाज
लखनऊ में सीएम योगी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की और तुरंत मौके पर बड़े अफसरों को भेजने के निर्देश दिए। प्रशासन को भीड़ नियंत्रण और सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, लापरवाही बरतने वाले कुछ अफसरों पर गाज गिर सकती है।
धर्मगुरुओं और संतों ने की संयम बनाए रखने की अपील
महाकुंभ में भगदड़ की अफवाह के बीच प्रमुख धर्मगुरुओं और संतों ने श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने की अपील की है।
🔹 स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा, “श्रद्धालु संगम में स्नान करने की जिद न करें और नजदीकी घाटों पर ही स्नान करें। शिविरों से बाहर अनावश्यक न निकलें और अफवाहों से बचें।”
🔹 योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए उन्होंने सांकेतिक स्नान किया। उन्होंने भक्तों से आत्मअनुशासन का पालन करने और सुरक्षा के नियमों का ध्यान रखने की अपील की।
🔹 जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचने के लिए प्रशासन के निर्देशों का पालन किया जाए।
12 करोड़ श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर फोकस, हाई अलर्ट पर प्रशासन
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने बताया कि इस समय प्रयागराज में 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालु मौजूद हैं, जिससे भीड़ प्रबंधन प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है, और इसके लिए प्रशासन को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी।
महाकुंभ 2025 के लिए जरूरी सुरक्षा निर्देश
🚨 भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचें और संगम नोज की ओर जाने से परहेज करें।
🚨 अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
🚨 अपने परिवार और साथियों से संपर्क में रहें और आपातकालीन सहायता केंद्रों की जानकारी रखें।
🚨 अगर कोई समस्या हो तो तुरंत नजदीकी पुलिसकर्मी या प्रशासनिक अधिकारी से संपर्क करें।