वाराणसी: यूपी विधान सभा चुनाव 2022 की सियासी सरगर्मी देखने को मिलने लगी है। मंगलवार को यूपी के पूर्वांचल में दो दिग्गज पार्टियों के प्रमुख आगामीं विधान सभा चुनाव के मद्देनजर दौरे पर थे। यूपी विधान सभा चुनाव होने में अभी एक साल का वक्त बाकी है, लेकिन पार्टियां अपनी तैयारी में जुट गईं हैं।
समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को पूर्वांचल के दौरे पर ही अपनी मंशा जाहिर कर दी है। इसको आप इसी से समझ सकते हैं कि एक साल पहले ही पार्टी ने सीटवार आवेदन मांग लिए हैं। आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के आवेदन मांगने पर गांव से लेकर शहर तक हलचल होने लगी है। प्रत्येक सीटों के लिए उम्मीदवार लखनऊ की ओर रुख करने लगें हैं।
इन दावेदारियों में कुछ सपा के दिग्गज चेहरें तो वहीं कुछ नये चेहरे अपने-अपने तर्क और जातिगत समीकरण को समझाने लखनऊ की ओर बड़े आशा व मंशा के साथ कूच कर दियें हैं। आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी आगामीं विधानसभा चुनाव का उद्घोष वाराणसी से की है। राजनीतिक समींकरण से समझें तो सपा जातीय समींकरण में फिट होने की कोशिश कर रही है। वाराणसी पूर्वांचल का एक ऐसा जिला है, जहां से पूर्वांचल की राजनीतिक आधार मजबूत होती है। आपको याद हो पीएम मोदी ने भी अपना संसदीय क्षेत्र वाराणसी को ही चुना है।
भगवान भोलेनाथ और मां गंगा का आशिर्वाद लेने पार्टियां वाराणसी से चुनावी यात्रा शुरु करती हैं, लेकिन इसका मतलब यह होता है कि हिंदू मतदाताओं को अपने वोट बैंक में शामिल करना, ओवैसी के आने से समाजवादी पार्टी के मुस्लिम वोटरों में सेंध लगने की पूरी संभावना है। जिसको कवर करने के लिए समाजवादी पार्टी वाराणसी से हिंदू वोटरों को साधने की कोशिश करने में जुट गई है।