कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल अब नहीं रहे। सिर्फ 71 साल के अहमद पटेल को कोरोना हुआ था और पिछले एक महीने से उनका इलाज चल रहा था लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
उनका गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका। आपको बता दे, अहमद पटेल 15 नवंबर से आईसीयू में भर्ती थे।
उनके निधन पर पीएम मोदी और राहुल गाँधी सहित कई बड़े नेताओं ने उन्हें याद किया है। और अब संजय राउत ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि ये चौंकाने वाला है कि अहमद पटेल हमारे बीच नहीं रहें।
उन्होंने आगे कहा अहमद पटेल से सीखना चाहीये की सर्वोच्च पद पर पहुंचने के बाद भी, किसी को विनम्र कैसे रहना चाहीये। आज देश की राजनीति में उनकी जरूरत थी। उनके जाने के साथ ही कांग्रेस ही नहीं देश का भी नुकसान हुआ है।
उन्होंने महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कोशीशों मे महत्वपूर्ण योगदान दिया। पिछले कई वर्षों से, गुजरात की राजनीति उनके इशारे पर ही होती रही है। वह महाविकास गठबंधन में एक महत्वपूर्ण नेता थे, जिंनका सरकार की गठन में एक प्रमुख योगदान था।
आपको बता दे कि अहमद पटेल का चले जाना कांग्रेस के लिए एक बड़ी क्षति है क्यूंकि इस समय कांग्रेस एक ऐसे संकट से जूझ रही है जो उसने शायद ही देखा हो। सब लोग उनके निधन से दुखी और स्तब्ध है।
अहमद भाई बहुत ही धार्मिक व्यक्ति थे और कहीं पर भी रहें, नमाज़ पढ़ने से कभी नहीं चूकते थे। आज देव उठनी एकादशी भी है जिसका सनातन धर्म में बहुत महत्व है। अल्लाह उन्हें जन्नतउल फ़िरदौस में आला मक़ाम अता फ़रमाएं। आमीन।