महाराष्ट्र की राजनीति आने वाले दिनों में गरमाने वाली है। आने वाले दिनों में महाराष्ट्र के सियासी दंगल की एक झलक खुद संजय राउत ने ही दिखा दी है। शिवसेना नेता संजय राउत की पत्नी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है।
वहीं अब पीएमसी बैंक घोटाला मामले में शिवसेना नेता संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश नहीं हुई हैं। हाल ही में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वर्षा राउत को समन भेजा था। हालांकि अब पूछताछ के लिए ईडी के सामने पेश होने के लिए वर्षा राउत ने और समय की मांग की है।
दरअसल, महाराष्ट्र में हुए पीएमसी बैंक घोटाला मामले में ईडी की ओर से जांच की जा रही है। इस मामले में वर्षा राउत को ईडी ने समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है। यह उनको भेजा गया तीसरा समन है।
इससे पहले दो बार स्वास्थ्य कारणों की वजह से वर्षा जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुई थी। जिसके बाद संजय राउत ने कहा था कि बीजेपी केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर करने का काम कर रही है। वहीं अब शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए बीजेपी पर हमला बोला है।
अपने संपादकीय में शिवसेना ने कहा, ‘दूसरी बात जो देवेंद्र फडणवीस कहते हैं वो भी ठीक है, कर नहीं तो डर क्यों? उनका ऐसा कहना एकदम सही है। लेकिन सवाल ये है कि ये नोटिस देश भर में सिर्फ बीजेपी विरोधियों को ही क्यों भेजी जा रही हैं?’
उन्होंने आगे कहा, ‘देश में सिर्फ बीजेपी वाले ही रोज गंगा स्नान करते हैं और बाकी लोग गटर स्नान करते हैं, ऐसा कुछ है क्या? शिवसेना के बारे में कहना हो तो कर नहीं तो डर नहीं आदि बातें ठीक हैं लेकिन कर करा के साफ-सुथरे बने रहनेवालों की हम औलाद नहीं हैं।’
संजय राउत ने कहा, ‘जो किया उसकी जिम्मेदारी लेने के लिए हम तैयार हैं। इसका उत्तम उदाहरण है बाबरी का विध्वंस! इसे हास्यास्पद ही कहना होगा कि उस रण से जो भाग गए थे, वो कर और डर का उदाहरण दे रहे हैं।’
सामना में लिखा है, ‘फिलहाल महाराष्ट्र में ईडी का मामला चर्चा में है। जब से महाराष्ट्र से बीजेपी की इड़ा-पीड़ा दूर हुई है, तब से ईडी का मामला जोर पकड़ने लगा है। मतलब ईडी का प्रयोग करके बीजेपी अपने विरोधियों पर दबाव बनाने का काम कर रही है।
समन में आगे लिखा गया, ‘इसी माहौल का लाभ उठाते हुए ईडी से घबराकर बीजेपी की टोली में शामिल एक ‘महात्मा’ ने ‘ठाकरे सरकार’ गिरने का नया मुहूर्त निकाला है। अब कह रहे हैं कि कुछ भी हो जाए लेकिन मार्च महीने में सरकार गिर जाएगी! उन्होंने यह मुहूर्त ‘ईडी-पीडी’ के पंचांग से निकाला या उन्हें नींद में दृष्टांत हुआ?’
शिवसेना ने कहा, ‘2020 में ठाकरे सरकार को गिराने के सारे मुहूर्त और प्रयोग असफल साबित हुए। इसलिए राज्यपाल की पसंदीदा सरकार आने वाले पांच-पच्चीस सालों तक महाराष्ट्र में आने के लक्षण नहीं दिख रहे। फिर प्रतीक्षा किसकी करते हो?’
शिव सेना ने आगे कहा, ‘किसी ज्योतिष ने मार्च-अप्रैल का मुहूर्त दिया होगा तो यह मूर्खता ही साबित होगी। इसलिए ‘ईडी’ के संदर्भ में जिन लोगों को ‘संविधान’ की याद आती है, उन्हें राज्यपाल नियुक्त सीट को लेकर भी संविधान का स्मरण रखना चाहिए।’
शिवसेना ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘फिलहाल एक संवाद बहुत चर्चा में है। वो ये है कि ‘त्वाडा कुत्ता टॉमी, साड्डा कुत्ता, कुत्ता?’ ये कुछ ऐसा ही मामला है। ‘ईडी’ आदि का प्रयोग करके महाराष्ट्र की सरकार को गिराया जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा, ‘इस अंधश्रद्धा से अब बाहर आना चाहिए. एकनाथ खडसे के बीजेपी छोड़ते ही उन्हें ‘ईडी’ की नोटिस आने लगी तो क्या इसे संविधान के दायरे में रहते हुए किया गया कार्य कहें? आंध्र प्रदेश के ‘टीडीपी’ सांसदों के घरों पर ईडी का छापा पड़ते ही डरी हुई भेंड़ें बीजेपी के झुंड में शामिल हो गईं।’
अपने आरोप में शिव सेना ने आगे कहा, ‘लालू यादव को लेकर किया गया ईडी का प्रयोग फंस गया। पश्चिम बंगाल में ईडी का डर दिखाकर शारदा चिट फंड घोटाले के मुकुल राय आदि लोग एक रात में ही बीजेपी में घुस गए।’
शिवसेना ने कहा, ‘बीजेपी में शामिल होते ही लोग शुद्ध कर दिए जाते हैं और इस काम में ईडी पुरोहित का काम करती है। इसलिए मुंबई के ईडी कार्यालय के सामने कुछ जागरूक लोगों ने बीजेपी कार्यालय का बोर्ड ठोक दिया।’
शिव सेना ने बीजेपी पार्टी पर आरोप लगते हुए आगे कहा, ‘की ईडी क्या है, ये बीजेपी वाले न सिखाएं। शरद पवार हों या संजय राउत. खडसे, सरनाईक हों या महाविकास आघाड़ी का कोई अन्य, उन पर कार्रवाई विकृति की पराकाष्ठा है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘कानून का पालन करने हेतु अगर सही होगा तभी वो कानून जनता को पालना चाहिए. अवैध आदेश पालना नागरिकों की सनद में नहीं बैठता। सीबीआई और ईडी जैसी संस्थाओं का अधोपतन तेजी से हो रहा है।’
शिवसेना ने कहा, ‘एक बात तय है कि महाराष्ट्र के बीजेपी वाले सत्ता बनाने के लिए ईडी पर कुछ ज्यादा ही निर्भर हैं। मानो ईडी की ओर से बीजेपी कार्यालय में हजारों नोटिस छापकर ही रखी गई हैं और जब कोई सच बोलने लगता है तो उसके नाम से नोटिस भेज दी जाती है। ऐसा धंधा शुरू है। ‘ईडी’ की नोटिस आने पर संबंधित व्यक्ति को पूछताछ के लिए जाना ही चाहिए। कानून का सम्मान होना ही चाहिए। कानून सबके लिए समान है।’
आप को बता दे कि संजय राउत ने कहा कि बीजेपी नेताओं के पास कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 22 विधायकों की सूची है, जिन्हें केंद्रीय जांच एजेंसियों के दबाव में इस्तीफा देने के लिए तैयार किया जाएगा।
संजय राउत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि बीजेपी के कुछ नेता पिछले एक साल से उनसे संपर्क कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर करने के लिए सारे इंतजाम कर लिए हैं। इसके साथ ही सरकार का समर्थन न करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है और धमकी भी दी जा रही है।
आधिकारिक सूत्रों ने दावा किया कि ईडी वर्षा राउत से उस राशि की ‘रसीद’ के बारे में पूछताछ करना चाहता है जिसका कथित तौर पर बैंक से गबन किया गया था।
ईडी ने पिछले साल अक्टूबर में पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक में कथित ऋण धोखाधड़ी की जांच के लिए हाउसिंग डेवलपमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल), उसके प्रमोटर राकेश कुमार वधावन और उनके बेटे सारंग वधावन, उसके पूर्व अध्यक्ष वी. सिंह और पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस के खिलाफ पीएमएलए के एक मामला दर्ज किया था।
यह पूरा मामला एचडीआईएल से जुड़ा है। एचडीआईएल के वाधवा बंधु को पीएमसी बैंक घोटाले में गिरफ्तार किया गया था। वाधवा परिवार ने बैंक से करोड़ों रुपये का लोन लिया था।
हालांकि इस लोन को वो चुका नहीं पाए थे। वहीं प्रवीन राउत वाधवा बंधुओं के करीबी माने जाते हैं और प्रवीन राउत संजय राउत के भी करीबी दोस्तों में से एक हैं। वाधवा बंधुओं के करीबी और संजय राउत के दोस्त प्रवीन राउत की पत्नी माधुरी के अकाउंट से करीब 55 लाख रुपये संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के अकाउंट में ट्रांसफर किए गए थे।