रिपोर्ट: गीतांजली लोहनी
लखनऊ: यूपी सिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी उस वक्त चर्चा में आ गये जब, उन्होने कुरान की 26 आयतों को हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया। उनके सुप्रीम कोर्ट जाने से शिया और सुन्नी समुदाय के उलेमाओं ने फतवा देकर उन्हें इस्लाम से खारिज कर दिया है। इतना ही नहीं वसीम रिजवी के परिवार के लोग भी उनके खिलाफ हो गए हैं। जबकि उनके मां और भाई ने अपना नाता तोड़ लिया है। इन सब के बीच भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने अपना और अपनी पार्टी का मत रखते हुए कहा कि रिजवी को इस तरह के कृत्य में लिप्त होकर देश का माहौल खराब नहीं करना चाहिए।
शहनवाज हुसैन ने आगे कहा कि “मैं वसीम रिज़वी की उक्त याचिका की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। यह मेरी पार्टी का रूख है कि कुरान सहित किसी भी धार्मिक ग्रंथ के बारे में बेतुकी बातें कहना एक अत्यंत निंदनीय कार्य है।” उन्होंने कहा कि बीजेपी कुरान या किसी भी धार्मिक ग्रंथों के किसी भी बदलाव के पक्ष में नहीं है।
शहनवाज हुसैन ने कहा कि उनकी पार्टी रिजवी के विचारों को स्वीकार नहीं करती है क्योंकि यह लोगों की भावनाओं को आहत करता है और उन्हें लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई अधिकार नहीं है।
आपको बता दें कि वसीम रिजवी पहली बार विवादों में नहीं आये हैं बल्कि जब से सूबे में योगी की सरकार आई है तब से लगातार चर्चा में बनें हुए हैं। इससे पहले उन्होंने देश की 9 मस्जिदों को हिंदुओं को सौंप दिए जाने की बात उठाई थी। रिजवी ने विवादित बाबरी मस्जिद ढांचे और कुतुब मीनार की मस्जिद का नाम भी लिया था और कहा था कि ये हिंदुस्तान की धरती पर कलंक है।