रिपोर्ट – शैलेन्द्र शाही
रीबों के लिए सरकार ने भोजन का अधिकार योजना लागू किया था कि कोई भी गरीब भूखा ना रहे और सरकार की तरफ से मिलने वाले अनाज से उसका पेट भरता रहे।
लेकिन बस्ती के एक गांव में कोटेदार की लापरवाही की वजह से गरीबों के मुंह का निवाला बनने से पहले ही सरकार का नाच सड़ गया और उसके बाद उस सड़े हुए अनाज पर पर्दा डालने के लिए पूरा अमला जी जान से जुड़ गया है,
हरैया तहसील में पड़ने वाले माझा मानपुर गांव से आइए तस्वीरें बयां करती हैं कि किस तरह से सरकार के अनाज के साथ जिम्मेदार लोग लापरवाही बरत रहे हैं।
डाउन की वजह से गरीबों को पर यूनिट 5 किलो अनाज देने की सरकार की मंशा के अनुरूप बस्ती के जिला प्रशासन ने भी जिला पूर्ति विभाग से कोटेदार को सैकड़ों कुंटल चावल मुहैया कराया लेकिन लापरवाह कोटेदार ने इस सरकारी अनाज को एक खंडहर में रखवा दिया
जिससे कुछ ही दिन में अनाज की बोरियां सड़ने लगी। इस बात का खुलासा तब हुआ जब कार्डधारक कोटेदार के बताए तारीख पर अपने हिस्से का अनाज लेने पहुंचा
लेकिन जब कोटेदार के सहयोगी ने चावल की बोरी को खंडार से निकाला तो देखा की पूरी बोरी ही सड़ चुकी थी।
बहर हाल बोरियों के सड़ने की खबर गांव से निकलकर जिले में बैठे अधिकारियों के मोबाइल तक पहुंची और इस पूरे मामले को लेकर अब एक जांच कमेटी बैठा दी गई है।
गांव के ही किसी जागरूक युवक ने सड़ चुकी अनाज की बोरी का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया इसके बाद इस लापरवाही का खुलासा अब सबके सामने आ गया है।