1. हिन्दी समाचार
  2. Breaking News
  3. SC: बदले नियमों के तहत होगी नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति, सुप्रीम कोर्ट करेगा नए कानून की वैधता पर विचार

SC: बदले नियमों के तहत होगी नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति, सुप्रीम कोर्ट करेगा नए कानून की वैधता पर विचार

मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार के सेवानिवृत्त होने के साथ ही भारत में पहली बार नए कानून के तहत मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार 18 फरवरी को पद से सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इसके बाद, नए कानून के तहत पहली बार मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की जाएगी।

By: Rekha 
Updated:
SC: बदले नियमों के तहत होगी नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति, सुप्रीम कोर्ट करेगा नए कानून की वैधता पर विचार

मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार के सेवानिवृत्त होने के साथ ही भारत में पहली बार नए कानून के तहत मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार 18 फरवरी को पद से सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इसके बाद, नए कानून के तहत पहली बार मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की जाएगी।


सीईसी राजीव कुमार की सेवानिवृत्ति और नई नियुक्ति

मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार 18 फरवरी को 65 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद पद से सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इसके बाद पहली बार, नए कानून के तहत मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की जाएगी। इस कानून में भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) को चयन पैनल से बाहर रखा गया है, जिसकी वैधता पर सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा।

क्या है नया कानून?
दिसंबर 2023 में लागू “मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और कार्यकाल) अधिनियम” के तहत, प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली चयन समिति अब नए सीईसी की नियुक्ति करेगी। इस समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और एक केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे, जिन्हें प्रधानमंत्री द्वारा नामित किया जाएगा।

इसके अलावा, कानून मंत्री की अध्यक्षता में एक खोज समिति भी होगी, जो चयन समिति के लिए पांच नामों का पैनल तैयार करेगी। हालांकि, चयन समिति को उन नामों पर भी विचार करने का अधिकार होगा, जो खोज समिति द्वारा शॉर्टलिस्ट नहीं किए गए हैं।

पहले कैसे होती थी नियुक्ति?

पहले, सीईसी और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा सरकार की सिफारिश पर की जाती थी। परंपरा के अनुसार, सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त को सीईसी के पद पर पदोन्नत किया जाता था। लेकिन अब प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली समिति इस निर्णय को लेगी।

संभावित उम्मीदवार कौन हैं?

फिलहाल ज्ञानेश कुमार और एसएस संधू को मुख्य चुनाव आयुक्त पद के लिए संभावित दावेदार माना जा रहा है। ज्ञानेश का कार्यकाल 26 जनवरी, 2029 तक है, जबकि संधू का कार्यकाल इससे पहले समाप्त हो सकता है।

सुप्रीम कोर्ट की भूमिका और विवाद

2023 में सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने सीईसी और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और सीजेआई को शामिल करते हुए एक पैनल का गठन करने का निर्देश दिया था। हालांकि, नए कानून में सीजेआई की जगह एक केंद्रीय मंत्री को शामिल किया गया, जिसके बाद इसकी वैधता पर सवाल खड़े हो गए।

मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, और 4 फरवरी को इस पर सुनवाई होगी। कोर्ट यह तय करेगा कि संविधान के अनुच्छेद 141 के तहत न्यायालय की राय अधिक महत्वपूर्ण है या कानून बनाने की विधायी शक्ति।

क्या है मामला?

नई चयन समिति की संरचना को चुनौती दी गई है, क्योंकि इसमें सीजेआई को हटाकर एक केंद्रीय मंत्री को शामिल किया गया है। यह सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार द्वारा बनाया गया नया कानून निष्पक्षता को सुनिश्चित कर पाएगा।

सुप्रीम कोर्ट की इस सुनवाई से यह तय होगा कि आने वाले समय में चुनाव आयोग की स्वतंत्रता और निष्पक्षता किस दिशा में जाएगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में बदलाव और सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाले समय में भारतीय लोकतंत्र और चुनाव आयोग की भूमिका को गहराई से प्रभावित करेगा। इस ऐतिहासिक फैसले पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...