1. हिन्दी समाचार
  2. Breaking News
  3. संजय राउत : हिंदुत्व जरूर हमारे मन में.. हमारे कार्यों में है लेकिन देश तो सेक्युलर से चलता है

संजय राउत : हिंदुत्व जरूर हमारे मन में.. हमारे कार्यों में है लेकिन देश तो सेक्युलर से चलता है

By: RNI Hindi Desk 
Updated:
संजय राउत : हिंदुत्व जरूर हमारे मन में.. हमारे कार्यों में है लेकिन देश तो सेक्युलर से चलता है

कोरोना और सुशांत केस के बाद अब एक बार फिर महाराष्ट्र में राजनीति गरमा गई है। आपको बता दे, कोरोना वायरस के चलते लगाए गए प्रतिबंधों में फिलहाल मंदिरों के कपाट बंद रखे गए हैं और अब राज्य में इस बात पर राजनीति शुरू हो गई है।

इस बाबत राज्य की गठबंधन वाली शिवसेना वाली सरकार का विरोध जारी है। आपको बता दे की मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राज्य स्थित सिद्धिविनायक मंदिर के सामने प्रदर्शन किया।

इसके बाद राज्यपाल ने कहा कि यह विडंबना है कि एक तरफ सरकार ने बार और रेस्तरां खोल दिए हैं, लेकिन मंदिर नहीं खोले गया। ऐसा न करने के लिए आपको दैवीय आदेश मिला या अचानक से सेक्युलर हो गए।

राज्यपाल के इस पत्र पर उद्धव ने भी जवाब लिखकर दे दिया। उन्होंने लिखा- जैसे तुरंत लॉकडाउन लगाना ठीक नहीं था। वैसे ही तुरंत ही इसे हटाना ठीक नहीं है। और हां, मैं हिंदुत्व को मानता हूं। मुझे आपसे हिंदुत्व के लिए सर्टिफिकेट नहीं चाहिए।

उद्धव ठाकरे ने लिखा है कि महाराष्ट्र में धार्मिक स्थल खोलने की चर्चा के साथ कोरोना के बढ़ते मामलों का भी ध्यान रखना चाहिए। मुझे अपना हिंदुत्व साबित करने के लिए आपसे सर्टिफिकेट नहीं चाहिए।

इस पुरे मामले के सामने आने के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने तो पीएम मोदी तक को चिट्ठी लिख दी। उन्होंने कहा की माननीय राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर जनता के लिए धार्मिक स्थल खोलने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है।

इस मसले और अब शिवसेना नेता संजय राउत ने भी अपना रिएक्शन दिया है ,उन्होंने कहा है कि जिन लोगों ने शिवसेना पर सवाल उठाए हैं उनको आत्मनिर्भर होकर आत्मचिंतन करना चाहिए। उन्होंने कहा की शिवसेना कल भी हिंदुत्व के साथ थी और आज भी है लेकिन ये देश सेक्युलर है।

उन्होंने यह भी कहा कि जो उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में तीन पार्टी की गठबंधन सरकार चल रही है, वह बहुत मजबूत है और नियमों का पूरी तरह पालन करके सरकार चल रही है।

आपको बताते चले कि इससे पहले सांसद ओवैसी ने भी राज्यपाल के द्वारा चिट्ठी लिखे जाने पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने लिखा था, बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह राज्यपाल द्वारा किया जा रहा है, जिसने संविधान की शपथ ली है।

आगे उन्होंने लिखा कि उस शपथ के लिए ‘हिंदुत्व’ की आवश्यकता नहीं थी। अपने कर्तव्यों के निर्वहन में सीएम की हिंदुत्व के प्रति प्रतिबद्धता अप्रासंगिक है और इसे उठाया भी नहीं जाना चाहिए था।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...