काशी से पीएम मोदी का भाषण पढ़िए
- आप सभी को देव दिवाली और गुरु परब की शुभकामनाएं। आज काशी को आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का एक और उपहार मिल रहा है। इसका लाभ काशी के साथ ही प्रयागराज के लोगों को भी होगा।
- मुझे याद है 2013 में मेरी पहली जनसभा इसी मैदान पर हुई थी और तब यहां से गुजरने वाला हाईवे 4 लेन का था। बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद ये हाईवे 6 लेन का हो चुका हैं,पहले जो लोग हंडिया से राजातालाब आते-जाते थे, उन्हें मुश्किलों का पता है। 70 किमी का ये सफर अब आराम से होगा।
- कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों और लोगों को जो परेशानी होती थी, वो भी खत्म हो जाएगी। इसका फायदा कुंभ के दौरान भी मिलेगा। आस्था से जुड़ी जगह हो या काम की, लोग आने-जाने से पहले यह देखते हैं वहां आना-जाना कितना आसान है।
- नया हाईवे बनाना हो, पुल बनाना हो, रास्तों को चौड़ा करना हो, बनारस के इलाकों में अभी हो रहा है, उतना आजादी के बाद कभी नहीं हुआ। बनारस का सेवक होने के नाते मेरा प्रयास यही है कि यहां के लोगों का जीवन आसान हो।
बीते सालों में हजारों करोड़ के प्रोजेक्ट पूरे किए गए और कई पर काम चल रहा है। रेलवे स्टेशन की कनेक्टिविटी बेहतर हुई है। रिंग रोड का काम भी तेजी से चल रहा है। सुल्तानपुर, गाजीपुर और आजमगढ़ से आने वाले वाहन बिना शहर में घुसे इस हाईवे से गुजर सकेंगे। - अच्छी सड़कें, अच्छी रेल सेवा, अच्छी और सस्ती हवाई सेवा समाज को सुविधा देती हैं। मध्यम वर्ग को इसका सबसे ज्यादा लाभ मिलता है। प्रोजेक्ट में बहुतों को रोजगार मिलता है। कोरोना के समय में मजदूरों के लिए ये प्रोजेक्ट आय का जरिया बने हैं।
- योगी सरकार में इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में तेजी आई है। पहले की स्थिति आप जानते हैं। आज यूपी एक्सप्रेस प्रदेश बन चुका है। पांच मेगा प्रोजेक्ट पर एक साथ काम चल रहा है।
3-4 साल पहले यूपी में दो एयरपोर्ट प्रभावी थे, अब दर्जनभर एयरपोर्ट तैयार हो रहे हैं। इसके अलावा कुशीनगर के एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में डेवलप किया जा रहा है। जब किसी क्षेत्र में आधुनिक कनेक्टिविटी का विकास होता है, तो सबका विकास होता है। - इसी साल देश के इतिहास में पहली बार चलते-फिरते कोल्ड स्टोरेज यानी किसान रेल शुरू की गई है। इससे किसानों की बड़े शहरों तक पहुंच बढ़ी है। वाराणसी समेत पूर्वांचल में जो बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार हुआ है, उसका फायदा पूरे क्षेत्र को हुआ है।
- सरकार के प्रयासों से किसानों को कितना फायदा है, इसका सबसे अच्छा उदाहरण चंदौली का काला चावल है। बेहतरीन काला चावल 300 रु किलो तक बिक रहा है। पहली बार ऑस्ट्रेलिया को ये चावल निर्यात हुआ है, वो भी 850 प्रति किलो में। इस कामयाबी को देखते हुए इस बार करीब एक हजार किसान काले चावल की खेती कर रहे हैं।
- किसानों को एकजुट कर उन्हें फायदा देने के प्रयास जारी हैं। फसल बीमा योजना से देश के 4 करोड़ किसानों की मदद हुई है। करीब 77 हजार करोड़ के सिंचाई प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है।