नई दिल्ली : अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत से उनके करीबी महंत काफी डरे और सहमे हुए है। इसे लेकर उन्होंने बिहार और यूपी सरकार से सुरक्षा की मांग की है। उनका कहना है कि, ‘मेरा हश्र नरेंद्र गिरि से भी बुरा हो सकता है’। आपको बता दें कि रमेश गिरी बोधगया मठ के महंत हैं, जो इन दिनों वाराणसी में शरण लिये हुए है। नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के बाद वह काफी दहशत में हैं।
बोधगया मठ के महंत ने मांगी सुरक्षा
दरअसल महंत रमेश गिरि ने नरेंद्र गिरि को लखनऊ के काली मंदिर मठ का अध्यक्ष नियुक्त किया था। इसके बाद विवादों से निकलने में नरेंद्र गिरि (Narendra Giri) ने कई बार उनकी मदद की थी। अब नरेंद्र गिरि की मौत के बाद महंत रमेश गिरि को भी डर सताने लगा है वह अब खुद को बहुत ही असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने यूपी और बिहार सरकार से अपनी सुरक्षा (Ramesh Giri Demand Security) की गुहार लगाई है।
काली मंदिर मठ के बने अध्यक्ष
बोधगया मठ के महंत का कहना है कि नरेंद्र गिरि उनके बड़े सहयोगी थे। लखनऊ के काली पीठ मठ मामले में भी उन्होंने उनकी बहुत मदद की थी। इसके बाद नरेंद्र गिरि काली मंदिर मठ के अध्यक्ष बना दिए गए थे। अब उनकी मौत के बाद रमेश गिरि बहुत ही तकलीफ में हैं। उनका कहना है कि अगर नरेंद्र गिरि आज जिंदा होते तो वह बोधगया मठ विवाद मामले में उनकी मदद जरूर करते।
नरेंद्र गिरि की मौत के बाद जताया जान का खतरा
रमेश गिरि ने बताया कि इसी नवरात्रि में नरेंद्र गिरि बोधगया मठ जाकर विवाद को लेकर चर्चा करने वाले थे। उनका आरोप है कि बोधगया मठ में बहुत से लोग उन्हें परेशान कर रहे हैं। उन लोगों ने उनके मठ पर कब्जा कर लिया है। अब तक इस मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है.नरेंद्र गिरि की मौत के बाद अब महंत रमेश गिरि ने बिहार सरकार से अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई हैय़
रमेश गिरि का कहना है कि बोधगया मठ में उनके एक करीबी की जान खतरे में थी। अब उनकी जान को भी वहां पर खतरा है। इसीलिए उन्होंने वाराणसी मठ में शरण ली हुई है। उनका कहना है कि अगर उन्हें अब सुरक्षा नहीं दी गई तो उनका हश्र नरेंद्र गिरि से भी बुरा हो सकता है।