नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश की सियासत में हाशिए पर चल रही कांग्रेस लगातार अपनी जमीन तलाश रही है, इसे लेकर वो प्रशासन द्वारा लागू की गई धारा-144 का भी उल्लंघन करने से गुरेज नहीं कर रही है। आपको बता दें कि इसी धारा के उल्लंघन के मामले में एक बार फिर कांग्रेस की उपाध्यक्ष प्रियंका गांधी को आगरा जाने के दौरान हिरासत में लिया गया है।
हालांकि कुछ समय तक हिरासत में रखे जाने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा को आगरा जाने की अनुमति दे दी गई। अनुमति मिलने के बाद वह आगरा के लिए रवाना हो गई हैं। चार लोगों को अनुमति मिली है। प्रियंका गांधी प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, आचार्य प्रमोद कृष्णम और एमएलसी दीपक सिंह के साथ आगरा के लिए रवाना हो गई हैं। हालांकि कार्यकर्ताओं की भीड़ भी पीछे-पीछे रवाना हुई है।
आपको बता दें कि प्रियंका पुलिस हिरासत में वाल्मीकि समाज के युवक की मौत के बाद उसके परिजनों से मिलने जा रही थी। इस दौरान उन्हें हिरासत में लिया गया है। आरोप है कि अरुण कुमार नाम के सफाईकर्मी की पुलिस हिरासत में पिटाई से मौत हुई है। बता दें कि वाल्मीकि समाज से जुड़े अरुण कुमार को पुलिस ने चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था। यूपी में चुनाव अगले साल है लेकिन यूपी का सियासी तापमान इस महीने की शुरूआत से ही चढ़ा हुआ है।
आगरा जाने से रोके जाने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि ”पुलिस की खुद स्थिति यह हो गई है कि वे कुछ कह नहीं पा रहे हैं। उनके अधिकारी भी जानते हैं कि ये ग़लत है इसके पीछे कुछ क़ानून व्यवस्था का मुद्दा नहीं है। हर जगह कहते हैं कि धारा-144 है।”
बता दें कि इससे पहले प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर लिखा कि, ”अरुण वाल्मीकि की मृत्यु पुलिस हिरासत में हुई। उनका परिवार न्याय मांग रहा है। मैं परिवार से मिलने जाना चाहती हूं। यूपी सरकार को डर किस बात का है? क्यों मुझे रोका जा रहा है।”
विपक्ष के नेताओं के मूवमेंट से सरकार को क्यों डर लगता है
प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं पीड़ित परिवार के परिजनों का दुख बांटने के लिए आगरा जाना चाहती हूं। आखिर विपक्ष के नेताओं के मूवमेंट से सरकार को क्यों डर लगता है। आगरा जा रही प्रियंका गांधी को यमुना एक्सप्रेस वे पर रोक लिया। इस दौरान एक्सप्रेस वे के एंट्री प्वाइंट पर पुलिस से कांग्रेस कार्यकर्ताओं की झड़प भी हुई।