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जम्मू-कश्मीर से 6 साल बाद हटा राष्ट्रपति शासन, जानें 2018 में क्यों लागू किया गया था राष्ट्रपति शासन

जम्मू-कश्मीर में रविवार को राष्ट्रपति शासन (Jammu Kashmir President Rule) हटा लिया गया, जिससे उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और कांग्रेस गठबंधन को हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में बहुमत मिला है।

By: Rekha 
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जम्मू-कश्मीर से 6 साल बाद हटा राष्ट्रपति शासन, जानें 2018 में क्यों लागू किया गया था राष्ट्रपति शासन

जम्मू-कश्मीर में रविवार को राष्ट्रपति शासन (Jammu Kashmir President Rule) हटा लिया गया, जिससे उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और कांग्रेस गठबंधन को हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में बहुमत मिला है। 2018 से लागू राष्ट्रपति शासन अब समाप्त हो गया है, आइए जानते हैं कि यह क्यों और कैसे लागू किया गया था।

राष्ट्रपति शासन हटाने की प्रक्रिया
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन समाप्त कर दिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नए मुख्यमंत्री के शपथ लेने से पहले यह आदेश जारी किया। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 73 के तहत यह अधिसूचना जारी की गई थी।

2018 में क्यों लागू हुआ था राष्ट्रपति शासन?
2014 के विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा और पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) ने गठबंधन की सरकार बनाई थी। लेकिन 2018 में भाजपा ने इस गठबंधन से समर्थन वापस ले लिया, जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद राज्य में पहले राज्यपाल शासन और फिर 6 महीने बाद राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था।

उस समय जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू था और राज्य संविधान की धारा 92 के तहत राज्यपाल शासन लगाया गया था। बाद में केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन लागू किया, जिसे कई बार बढ़ाया गया।

वर्तमान में विधानसभा की स्थिति
जम्मू-कश्मीर की 90 सदस्यीय विधानसभा में नेकां-कांग्रेस गठबंधन को बहुमत मिला है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां): 42 सीटें
कांग्रेस: 6 सीटें
अन्य: माकपा और आप के 1-1 विधायक, 5 निर्दलीय विधायक भी सरकार का समर्थन कर रहे हैं।
भाजपा: 29 सीटों के साथ मुख्य विपक्षी दल है।
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद चुनाव

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव कराए गए, जिनमें 90 सीटों पर तीन चरणों में वोट डाले गए थे। 8 अक्टूबर को चुनाव परिणाम घोषित हुए, जिसमें नेकां-कांग्रेस गठबंधन को बहुमत प्राप्त हुआ।

राष्ट्रपति शासन के हटने के बाद, जम्मू-कश्मीर में एक लोकतांत्रिक सरकार का गठन होने जा रहा है, जिससे राज्य में राजनीतिक स्थिरता और विकास की दिशा में नए कदम उठाए जाएंगे।

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