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प्रसपा के प्रमुख शिवपाल यादव ने अखिलेश पर साधा निशाना, कही ये बात

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल यादव ने कहा है कि वह अपने संगठन को मजबूत करने में जुटे हुए हैं और आजम खान के जेल से बाहर आने का इंतजार कर रहे हैं।

By: RNI Hindi Desk 
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प्रसपा के प्रमुख शिवपाल यादव ने अखिलेश पर साधा निशाना, कही ये बात

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल यादव ने कहा है कि वह अपने संगठन को मजबूत करने में जुटे हुए हैं और आजम खान के जेल से बाहर आने का इंतजार कर रहे हैं।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराज चल रहे शिवपाल यादव ने आजम खान की तारीफ करते हुए कहा है कि उनके बाहर आने के बाद बातचीत की जाएगी। उन्होंने अखिलेश यादव की वह गलतियां भी गिनाईं हैं, जिनकी वजह से पार्टी विधानसभा चुनाव में सत्ता से दूर रह गई।

इस पर प्रसपा नेता ने कहा, ”जनता बदलाव चाहती थी, लेकिन टिकट बांटने, प्रत्याशियों के चयन और सलाह लेने में गलतियां की गईं। मेरे सहित वरिष्ठ नेताओं की राय नहीं ली गई। मुझे एक सीट तक रोक दिया गया, ये सब गलतियां हुईं।

खुद को समाजवादी बताते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि वह मुलायम सिंह यादव को अभी भी अपना अभिभावक मानते हैं और इसलिए उनकी पार्टी के झंडे में उनकी तस्वीर है। अखिलेश के संग झगड़े को लेकर क्या मुलायम सिंह यादव ने कभी हस्तक्षेप किया? इसके जवाब में शिवपाल ने कहा, ”उन्होंने कई बैठकें कराईं। वह अपने वचन के पक्के हैं, मैं भी हूं, लेकिन बेटा में यह गुण नहीं। एक व्यक्ति के लिए वचन बहुत कुछ है, राजनीति में यह जरूरी है।

शिवपाल ने कहा, ”अखिलेश यादव ने अपने किसी वादे को पूरा नहीं किया। इसकी वजह से वह सत्ता से दूर हैं। हमने भगवान राम से वचन निभाना सीखा है।” क्या वह आजम खान के साथ नया फ्रंट बनाने जा रहे हैं? इस सवाल के जवाब में शिवपाल ने कहा कि आजम के जेल से बाहर आने पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा, ”इस समय मैं अपने संगठन को मजबूत कर रहा हूं। मैं सही समय पर फैसला लूंगा। मैंने आजम भाई से दो बार मुलाकात की है। वह यूपी विधानसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं। वह 10 बार के विधायक हैं और लोकसभा-राज्यसभा के लिए भी चुने जा चुके हैं। वह समाजवादी हैं और नेताजी के साथ काम कर चुके हैं। इसलिए मैंने कहा कि जब वह लोकसभा के सदस्य थे, उनके मुद्दे को नेताजी को संसद में उठाना चाहिए था। जब वह विधायक चुने गए तो यह मुद्दा विधानसभा में उठाना चाहिए था। अब तक ऐसा नहीं किया गया है। इसलिए मैंने कहा कि यदि आजम का मुद्दा लोकसभा में उठाया गया होता तो प्रधानमंत्री जरूर इसका संज्ञान लेते।

 

 

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