नई दिल्ली : बेसिक शिक्षक बनने की योग्यता को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया है। इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि इंटरमीडिएट के बाद प्रशिक्षण धारक भी सहायक अध्यापक बन सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि नियमावली में इंटरमीडिएट के साथ प्रशिक्षण सहायक अध्यापक बनने की योग्यता है। ऐसे में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में इंटरमीडिएट (Intermediate) के बाद प्रशिक्षण लेने वाले अभ्यर्थी भी सहायक अध्यापक बनने के योग्य हैं।
आपको बता दें कि एक याची को स्नातक होने के बाद प्रशिक्षण न होने के आधार पर नियुक्ति नहीं दी गई थी, जिसे हाईकोर्ट ने गलत ठहराया है। बता दें कि नियुक्ति पात्रता 45 फीसद अंक के साथ 10+2 और प्रशिक्षण है। इंटरमीडिएट के बाद एनसीटीई ने मान्य शिक्षा डिप्लोमा धारक को भर्ती में नियुक्त करने से इनकार करना सही नहीं है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने अमेठी के बीएसए को याची को नियुक्ति देने का निर्देश दिया है।
आपको बता दें कि याचि की ओर से याचिका पर अधिवक्ता मान बहादुर सिंह ने बहस की। अधिवक्ता मान सिंह ने कहा कि याची का चयन सहायक अध्यापक भर्ती में किया गया। काउन्सिलिंग के बाद यह कहते हुए नियुक्ति देने से इंकार कर दिया कि नियमानुसार स्नातक के बाद प्रशिक्षण मान्य योग्यता है। किन्तु याची ने इंटरमीडिएट के बाद प्रशिक्षण हासिल किया है, जिसे चुनौती दी गयी थी।
इस पर कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे पर विक्रम सिंह केस में पहले ही व्याख्या कर दी है, जिसके तहत सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति की न्यूनतम योग्यता इंटरमीडिएट के साथ प्रशिक्षण डिग्री है। ऐसे में याची को नियुक्ति देने से इंकार करना गलत है। आपको बता दें कि यह याचिका प्रिया देवी ने कोर्ट में डाली थी, जिसकी सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट की जस्टिस एसडी सिंह ने की।