1. हिन्दी समाचार
  2. पंजाब
  3. भुल्लर की रिहाई को बनाया चुनावी मुद्दा: दिल्ली की आप सरकार के पास फैसला निलंबित

भुल्लर की रिहाई को बनाया चुनावी मुद्दा: दिल्ली की आप सरकार के पास फैसला निलंबित

Bhullar's release made election issue: Decision pending with AAP government of Delhi..विपक्षी पार्टियों ने फिर एक बार दविंदर सिंह भुल्लर की रिहाई को चुनावी मुद्दा बनाया है। दिल्ली के सीएम केजरीवाल के पास ये फैसला निलंबित है।

By RNI Hindi Desk 
Updated Date

रिपोर्ट:खुशी पाल

पंजाब विधानसभा चुनाव का माहौल दिन पर दिन बेहद गर्म होता जा रहा है। दरअसल, हाल ही में मिली खबर के मुताबिक चुनावी माहौल के दौरान 1993 के दिल्ली बम विस्फोट के दोषी दविंदर पाल सिंह भुल्लर की रिहाई को लेकर इन दिनों नेताओँ के बीच काफी सिर दर्दी चल रही है।

माना जा रहा है कि पंजाब में इस तरह की अफरा-तफरी न रहे इसके लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से बड़ा फैसला लेने की उम्मीद की जा रही है। भुल्लर की रिहाई को लेकर अब तक शिरोमणि अकाली दल सहित कई सिख संगठन मांग कर चुके हैं कि उन्हें रिहाई न मिले। यहां तक कि शिअद संरक्षक प्रकाश सिंह बादल भी कोरोना संक्रमित होने के दौरान भुल्लर की रिहाई को लेकर अरविंद केजरीवाल पर सियासत करने का आरोप लगा चुके हैं।

यह भी पढ़ें:मजीठिया ने दिया सिद्धू को मुंह तोड़ जवाब, कहा: छोड़ूंगा किसी हलके को भी नहीं

दिल्ली में बम ब्लास्ट कराने के आरोप

आपको  बता दें कि दविंदर सिंह भुल्लर को 1994  में उम्रकेद की सजा सुनाकर जेल में बंद रहने का आदेश दिया गया था। वहीं, 1994 से जेल में बंद भुल्लर की स्थायी रिहाई का अनुरोध सिख निकायों ने कोर्ट के सामने किया था। जो फैसला कि दिल्ली की आप सरकार के पास लंबित है। सिख समुदाय की इस मांग को अन्य राजनीतिक दलों द्वारा भी तेजी से उठाया गया है।

आपको बता दें कि मार्च 2002 में भुल्लर को फासी की सजा सुनाई गई थी जिस पर उनके परिवारजनों ने आपत्ति जताई थी और सुप्रीम कोर्ट में इस सजा को उम्रकेद की सजा में बदलने का अनुरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई मौत की सजा के बजाए उम्रकेद की सजा में बदलने पर सोच विचार किया और भुल्लर को उम्रकेद की सजा सुनाई गई।

प्रकाश सिंह बादल ने किया था अनुरोध

जानकारी के मुताबिक 2013 में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और अकाली नेता प्रकाश सिंह बादल ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भुल्लर की मौत की सजा को कम करने का अनुरोध किया था। इसके बाद अक्टूबर 2019 में केंद्र सरकार ने गुरु नानक देव की 550 वीं वर्षगांठ पर भुल्लर सहित आठ सिख कैदियों की रिहाई के लिए एक विज्ञप्ति जारी की थी। केंद्र ने संबंधित राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से केंद्र के परामर्श से इस मामले में छूट देने के लिए आग्रह किया था।

स्थाई रिहाई को तीन बार खारिज किया

सूत्रो से मिली जानकारी के मुताबिक 2020 में दिल्ली सरकार के रिव्यू बोर्ड ने भुल्लर की स्थायी रिहाई के अनुरोध को तीन बार खारिज कर दिया था। इसके बाद पंजाब चुनाव के बीच भुल्लर की रिहाई का मुद्दा फिर एक बार उठा है। चुनावी माहौस के बीच विपक्षी दल इसे चुनावी मुद्दा बना रहे हैं। साथ ही दिल्ली के सीएम केजरीवाल के कार्यक्रमों का विरोध भी कर रहे हैं। हाल ही में अमृतसर में चुनावी कार्यक्रम के दौरान अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कई सिख संगठनों ने विरोध प्रदर्शन भी किया। इसके बाद ऐसा माना जा रहा है कि दिल्ली सरकार चुनाव में पार्टी को कोई नुकसान न हो इसलिए भुल्लर की रिहाई को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है।

 

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...