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दुष्कर्म मामले को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज, आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा: आशीष अग्रवाल

मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल का कहना है कि जब कांग्रेस नेताओं के बंगलों में महिलाएं प्रताड़ित होकर आत्महत्या तक कर लेती है तब उनके मुंह से कुछ नहीं निकलता।

By: RNI Hindi Desk 
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दुष्कर्म मामले को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज, आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा: आशीष अग्रवाल

राजधानी के मिसरोद थाना इलाके में बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के मामले को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है।  कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल का कहना है कि जब कांग्रेस नेताओं के बंगलों में महिलाएं प्रताड़ित होकर आत्महत्या तक कर लेती है तब उनके मुंह से कुछ नहीं निकलता। लेकिन यह बीजेपी की सरकार है मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल प्रभाव से एफआईआर दर्ज कर SIT का गठन कर किया गया है ताकि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए कोई भी हो लेकिन यदि इस तरीके के दुष्कर्म करता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।

आपको बता दे कि दाल-चावल में नशीला पदार्थ खिलाकर आठ साल की बच्ची के साथ दरिंदगी की गई। बच्ची जब होश में आई तो व्यक्ति उसके साथ गलत काम कर रहा था, जबकि एक अन्य व्यक्ति पास में ही खड़ा था। दूसरी कक्षा की बच्ची के साथ दुष्कर्म का यह मामला भोपाल के मिसरोद थाना क्षेत्र एक निजी बोर्डिंग स्कूल के हॉस्टल में हुआ। मामले में सीएम मोहन यादव ने भी संज्ञान लिया है। सीएम ने एसआईटी गठित कर जांच के आदेश दिए हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग ने भोपाल पुलिस को नोटिस जारी कर घटना पर जवाब मांगा है।

महिला ने एसआई पर लगाए गंभीर आरोप 

दुष्कर्म पीड़िता बच्ची की मां ने मिसरोद थाने के एसआई प्रकाश राजपूत पर आरोप लगाए हैं। बुधवार को पीड़िता और उसकी मां बयान दर्ज कराने भोपाल कोर्ट पहुंची। महिला का कहना है कि उसकी बेटी के साथ दरिंदगी हुई है। पुलिस कर्मी ने मामले को दबाने के लिए सौदेबाजी की। महिला ने कहा कि 29 अप्रैल को एसआई प्रकाश राजपूत अस्पताल आया। उसने कहा कि मुझे मोदी साहब ने भेजा है। यह सब क्या लगा रखा है, बच्ची को लेकर चलो। शिकायत दर्ज मत कराओ, इसके एवज में तुम्हें रकम दिला दूंगा। तब पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज नहीं की थी। अगले दिन मंगलवार की शाम को दोबारा थाने पहुंची। वहां बैठी रही तब केस दर्ज किया गया।

तीन लोगों पर केस दर्ज 
जानकारी के मुताबिक, मिसरोद थाना स्थित निजी बोर्डिंग स्कूल के हॉस्टल में माता-पिता ने 15 दिन पहले बच्ची का एडमिशन करवाया था। चार-पांच दिन पहले बच्ची के साथ यहां घिनौनी हरकत की गई। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने हॉस्टल वार्डन समेत 3 लोगों पर केस दर्ज कर लिया है। स्कूल संचालिका ने सभी आरोप बेबुनियाद बताए हैं।

मां ने वार्डन पर भी लगाया आरोप 

बच्ची की मां के अनुसार, बच्ची को खाने में मिलाकर कुछ खिलाया गया था, जिसके बाद वह बेहोश हो गई, जब वह होश में आई तब उसे पता चला कि उसके साथ कोई घटना हुई है। महिला ने वहां मौजूद वॉर्डन पर भी आरोप लगाया है कि उसने बेटी को खाना खाने के बाद एक कमरे में अलग से ले जाकर कुछ खिलाया था।

सुबह होश आया तो बच्ची पलंग पर थी 
बच्ची ने मां को वीडियो कॉल कर बताया कि एक मोटे से दाढ़ी वाले अंकल उसके साथ गलत काम कर रहे थे। पास में खड़े अंकल बोल रहे थे कि मोदी सर, बच्ची को होश आ गया है। अंकल ने दो-तीन बार बोला। इसके बाद मेरी आंख पर हाथ रख दिया। मेरे पेट में दर्द हो रहा था और प्राइवेट पार्ट से ब्लड आ रहा था। मैं फिर से बेहोश हो गई। सुबह होश आया तब मैं अपने पलंग पर सो रही थी। मैंने होश में आने के बाद वार्डन से कहा कि मेरे पेट में पेन हो रहा है।

बच्ची से ठीक से बात नहीं हुई तो मां पहुंच गई हॉस्टल 

मां ने बताया कि बेटी ने वार्डन से अपनी मां से बात करवाने की जिद की थी, लेकिन वार्डन ने उसकी नहीं सुनी थी। आरोपियों ने बच्ची को डराया-धमकाया कि किसी से कुछ कहोगी तो हम मम्मी से बात नहीं कराएंगे। आरोपियों ने कहा कि संडे को बात कराएंगे। संडे के जब बेटी ने अपनी मां से वीडियो कॉल पर बात की तो रो पड़ी। फिर वार्डन ने बच्ची से फोन छीनकर स्विच ऑफ कर दिया। मां हॉस्टल पहुंच गई, तब पता चला कि आपकी बच्ची हॉस्टल में अकेली है। बाकी सभी तीन-चार दिन पहले घर जा चुकी हैं। बच्ची की मां का आरोप है कि स्कूल के ऑनर ने गलत काम किया है।

मेडिकल रिपोर्ट: प्राइवेट पार्ट से छेड़छाड़ 
पुलिस का कहना है कि सोमवार रात सूचना मिलने पर पुलिस जेपी अस्पताल पहुंची थी। तब महिला ने कार्रवाई की बात से इनकार कर दिया था। मंगलवार की शाम को फिर थाने आई। देर रात एफआईआर दर्ज की गई। आरोपियों की शिनाख्त के लिए पुलिस ने हॉस्टल के सीसीटीवी का डीवीआर जब्त किया है। बच्ची की मेडिकल रिपोर्ट में प्राइवेट पार्ट से छेड़छाड़ की पुष्टि हुई है।

आरोप सच निकलते हैं तो हम खुद बच्ची के साथ हैं 
स्कूल संचालिका प्रियंका मोदी ने सभी आरोप बेबुनियाद बताए हैं। प्रियंका का कहना है कि जिस महिला ने आरोप लगाए हैं उसने बेटी का एडमिशन 19 तारीख को कराया था और 29 को उसे हंसी-खुशी यहां से लेकर गई। उसी दिन रात को फोन आता है कि पुलिस इन्वेस्टिगेशन करना चाहती है। पुलिस ने डॉक्यूमेंट और कैमरे का डेटा देखा। प्रियंका ने कहा, हम चाहते हैं कि अच्छे से जांच हो। अगर आरोप सच निकलते हैं तो हम खुद बच्ची के साथ हैं।

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