प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान दिवस के अवसर पर केवड़िया में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने मुंबई हमले में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि हम वो जख्म कभी नहीं भूल सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि साल 2008 में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने मुंबई पर धावा बोला था, इस हमले में कई लोगों की जान चली गई थी। पीएम मोदी ने कहा कि आज का भारत नई नीति-रीति के साथ आतंकवाद का सामना कर रहा है।
इस कार्यक्रम में देश के अलग-अलग राज्यों के पीठासीन अधिकारी मौजूद थे। इस संबोधन के दौरान पीएम में बैठक में मौजूद सभी पीठासीन अधिकारियों और संबंधित लोगों से अपील की कि वह वन नेशन वन इलेक्शन यानी एक देश एक चुनाव को लेकर गंभीरता से चर्चा करें और देखें कि कैसे इस ओर देश आगे बढ़ सकता है।
Inaugurating RE-Invest 2020. Watch my speech. https://t.co/IxPyr6p157
— Narendra Modi (@narendramodi) November 26, 2020
पीएम ने कहा हमने 26 नवंबर को 2015 में संविधान दिवस के रूप में देखना शुरू किया। तब से, भारत भर में लोग इसे बड़े उत्साह के साथ चिह्नित कर रहे हैं। यह हमारे संविधान के निर्माताओं का आभार व्यक्त करने और उनके सपनों के भारत के निर्माण के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दोहराने का दिन है।
We began to observe 26th November as Constitution Day in 2015. Since then, people across India have been marking it with great fervour. This is a day to express gratitude to the makers of our Constitution and to reiterate our commitment to building the India of their dreams. pic.twitter.com/GaMMGN6kVw
— Narendra Modi (@narendramodi) November 26, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2010 में, संविधान के 60 वर्षों को चिह्नित करने के लिए, हमने सुरेंद्रनगर, गुजरात में समनिवास गौरव यात्रा का आयोजन किया। संविधान की एक प्रतिकृति हाथी पर रखी गई थी और जुलूस शहर के कुछ हिस्सों को कवर किया गया था। मैं भी उस जुलूस में चल पड़ा। यह एक अनूठी श्रद्धांजलि थी!
In 2010, to mark 60 years of the Constitution, we organised the Samvidhan Gaurav Yatra in Surendranagar, Gujarat. A replica of the Constitution was placed on an elephant and the procession covered parts of the city. I too walked in that procession. It was a unique tribute! pic.twitter.com/yAbU5UKQWn
— Narendra Modi (@narendramodi) November 26, 2020
मोदी ने कहा आज उन सभी व्यक्तित्वों को नमन करने का दिन है, जिनके अथक प्रयासों से हमें संविधान मिला। आज की तारीख देश पर सबसे बड़े आतंकी हमले से भी जुड़ी है। अब भारत नई नीति, नई रीति के साथ आतंकवाद का मुकाबला कर रहा है। भारत की रक्षा में प्रतिपल जुटे सुरक्षाबलों का मैं वंदन करता हूं।
आज उन सभी व्यक्तित्वों को नमन करने का दिन है, जिनके अथक प्रयासों से हमें संविधान मिला।
आज की तारीख देश पर सबसे बड़े आतंकी हमले से भी जुड़ी है। अब भारत नई नीति, नई रीति के साथ आतंकवाद का मुकाबला कर रहा है।
भारत की रक्षा में प्रतिपल जुटे सुरक्षाबलों का मैं वंदन करता हूं। pic.twitter.com/3inFgLvnOc
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मोदी ने कहा बीते 6-7 सालों में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका में सामंजस्य को और बेहतर करने का प्रयास हुआ है। ऐसे प्रयासों का सबसे बड़ा प्रभाव जनता के विश्वास पर पड़ता है। कठिन से कठिन समय में भी जनता का विश्वास इन तीनों पर बना रहता है। यह हमने इस वैश्विक महामारी के समय भी देखा है।
बीते 6-7 सालों में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका में सामंजस्य को और बेहतर करने का प्रयास हुआ है। ऐसे प्रयासों का सबसे बड़ा प्रभाव जनता के विश्वास पर पड़ता है।
कठिन से कठिन समय में भी जनता का विश्वास इन तीनों पर बना रहता है। यह हमने इस वैश्विक महामारी के समय भी देखा है। pic.twitter.com/5I4qPuGdYl
— Narendra Modi (@narendramodi) November 26, 2020
उन्होंने कहा सरदार सरोवर डैम का काम बरसों तक अटका रहा, फंसा रहा। संविधान का दुरुपयोग करने का प्रयास हुआ। लेकिन हमें हमारे संविधान से जो ताकत मिली है, वह ऐसे हर मुश्किल कार्य को आसान बनाती है।
सरदार सरोवर डैम का काम बरसों तक अटका रहा, फंसा रहा। संविधान का दुरुपयोग करने का प्रयास हुआ।
लेकिन हमें हमारे संविधान से जो ताकत मिली है, वह ऐसे हर मुश्किल कार्य को आसान बनाती है। pic.twitter.com/v2Ma8Ubkt8
— Narendra Modi (@narendramodi) November 26, 2020
पीएम ने कहा Know Your Customer डिजिटल सुरक्षा का अहम पहलू है। उसी तरह KYC यानि Know Your Constitution हमारे संवैधानिक सुरक्षा कवच को भी मजबूत कर सकता है। इसलिए संविधान के प्रति जागरूकता के लिए निरंतर अभियान भी चलाते रहना चाहिए।
Know Your Customer डिजिटल सुरक्षा का अहम पहलू है।
उसी तरह KYC यानि Know Your Constitution हमारे संवैधानिक सुरक्षा कवच को भी मजबूत कर सकता है।
इसलिए संविधान के प्रति जागरूकता के लिए निरंतर अभियान भी चलाते रहना चाहिए। pic.twitter.com/gNpy12JQAS
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मोदी ने कहा हमारे कानूनों की भाषा इतनी आसान होनी चाहिए कि सामान्य से सामान्य व्यक्ति भी उसको समझ सके। हम भारत के लोगों ने यह संविधान खुद को दिया है। इसलिए इसके तहत लिए गए हर फैसले, हर कानून से सामान्य नागरिक सीधा कनेक्ट महसूस करे, यह सुनिश्चित करना होगा।
हमारे कानूनों की भाषा इतनी आसान होनी चाहिए कि सामान्य से सामान्य व्यक्ति भी उसको समझ सके।
हम भारत के लोगों ने यह संविधान खुद को दिया है। इसलिए इसके तहत लिए गए हर फैसले, हर कानून से सामान्य नागरिक सीधा कनेक्ट महसूस करे, यह सुनिश्चित करना होगा। pic.twitter.com/gT8AW4Rqp7
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पीएम ने कहा वन नेशन वन इलेक्शन सिर्फ एक चर्चा का विषय नहीं है, बल्कि यह भारत की जरूरत है। ऐसे में इस पर गहन अध्ययन और मंथन आवश्यक है। इसमें पीठासीन अधिकारियों की भी बड़ी भूमिका है।
आप को बता दे कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब पीएम मोदी ने देश में वन नेशन वन इलेक्शन यानी एक देश एक चुनाव की बात की हो। इससे पहले भी पीएम वन नेशन वन इलेक्शन की बात करते रहे हैं। इसके साथ ही लॉ कमीशन भी वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर अलग-अलग राजनीतिक दलों से उनकी सलाह मांग चुका है।
उस दौरान कई राजनीतिक दलों ने वन नेशन वन इलेक्शन की बात रखते हुए वन नेशन वन इलेक्शन की ओर आगे बढ़ने का सुझाव दिया था तो कई राजनीतिक दलों ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि हमारे देश में यह मुमकिन नहीं है। क्योंकि इतने बड़े देश में सारे चुनाव एक साथ करवाना तर्कसंगत नहीं है।
वन नेशन वन इलेक्शन सिर्फ एक चर्चा का विषय नहीं है, बल्कि यह भारत की जरूरत है।
ऐसे में इस पर गहन अध्ययन और मंथन आवश्यक है। इसमें पीठासीन अधिकारियों की भी बड़ी भूमिका है। pic.twitter.com/83JUIXw5bU
— Narendra Modi (@narendramodi) November 26, 2020
मोदी ने कहा संविधान सभा इस बात को लेकर एकमत थी कि आने वाले भारत में बहुत सी बातें परंपराओं से भी स्थापित होंगी। संविधान सभा चाहती थी कि आने वाली पीढ़ियां यह सामर्थ्य दिखाएं और नई परंपराओं को अपने साथ जोड़ते चलें। हमें अपने संविधान के शिल्पियों की इस भावना का भी ध्यान रखना है।
संविधान सभा इस बात को लेकर एकमत थी कि आने वाले भारत में बहुत सी बातें परंपराओं से भी स्थापित होंगी।
संविधान सभा चाहती थी कि आने वाली पीढ़ियां यह सामर्थ्य दिखाएं और नई परंपराओं को अपने साथ जोड़ते चलें।
हमें अपने संविधान के शिल्पियों की इस भावना का भी ध्यान रखना है। pic.twitter.com/3FYymymPLR
— Narendra Modi (@narendramodi) November 26, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश संविधान दिवस मना रहा है और लोकतंत्र के पर्व के जश्न में डूबा है। पीएम मोदी ने कहा कि हर किसी को राष्ट्रहित को ध्यान रखते हुए काम करना चाहिए। अगर ऐसे मुद्दों पर राजनीति होती है तो उसका नुकसान उठाना पड़ता है।