अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने पीएम मोदी की जमकर सराहना की। । उन्होंने कहा कि बातचीत और समझौते के मामले में मोदी उनसे कहीं ज्यादा सख्त वार्ताकार हैं। ट्रंप ने यह टिप्पणी पीएम मोदी के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की। जब उनसे पूछा गया कि उनमें से कौन ज्यादा सख्त मोलभाव कर सकता है, तो ट्रंप ने कहा, “पीएम मोदी मुझसे कहीं ज्यादा बेहतर वार्ताकार हैं, उनसे कोई मुकाबला ही नहीं है।”
ट्रंप ने घोषणा की कि भारत और अमेरिका मिलकर भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) के निर्माण पर सहमत हुए हैं। इसे दुनिया के सबसे बड़े व्यापार मार्गों में से एक बताया गया है। उन्होंने कहा कि यह गलियारा भारत से इस्राइल, इटली होते हुए अमेरिका तक जाएगा, जिससे व्यापारिक भागीदारों को सड़क, रेलवे और समुद्री केबल नेटवर्क के जरिए जोड़ा जाएगा।
भारत-अमेरिका संबंध अब तक के सबसे मजबूत
ट्रंप ने भारत-अमेरिका संबंधों को ऐतिहासिक रूप से मजबूत बताते हुए कहा, “आज की घोषणाओं के साथ अमेरिका और भारत के बीच दोस्ती और अधिक गहरी हो गई है। मुझे लगता है कि यह अब तक का सबसे अच्छा रिश्ता है।”
क्या है IMEC?
IMEC भारत को खाड़ी देशों से जोड़ने वाले पूर्वी गलियारे और खाड़ी से यूरोप तक के उत्तरी गलियारे का हिस्सा है। यह नेटवर्क रेलवे, जहाज-रेल पारगमन और सड़क मार्गों के माध्यम से व्यापार और कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा।
इस परियोजना को भारत, अमेरिका, सऊदी अरब, यूएई, यूरोपीय संघ, इटली, फ्रांस और जर्मनी ने G20 शिखर सम्मेलन 2023 के दौरान हरी झंडी दी थी।
भारत-अमेरिका साझेदारी पर ट्रंप की अहम बातें
IMEC पर सहमति – ट्रंप ने घोषणा की कि भारत और अमेरिका भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) के निर्माण के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। इसे दुनिया के सबसे बड़े व्यापार मार्गों में से एक बताया गया है।
भारत-अमेरिका दोस्ती सबसे मजबूत – ट्रंप ने कहा कि “आज की घोषणाओं के साथ भारत-अमेरिका की दोस्ती पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हो गई है।”
IMEC से व्यापार को मिलेगा बढ़ावा – इस गलियारे के जरिए भारत, इस्राइल, इटली और अमेरिका के बीच कनेक्टिविटी मजबूत होगी, जिससे सड़क, रेलवे और समुद्र के नीचे बिछाई जाने वाली केबल्स के जरिए व्यापारिक साझेदारी बढ़ेगी।
बड़ी आर्थिक पहल – ट्रंप ने कहा कि “IMEC के लिए भारी निवेश किया जाएगा, जिससे भारत समेत कई देशों को लाभ मिलेगा।”