प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के गांधीनगर में आयोजित चौथे ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट और एक्सपो का उद्घाटन किया, जिसमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शिरकत की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की नवकरणीय ऊर्जा में हो रही तेजी से प्रगति को प्रदर्शित करना है।
री इन्वेस्ट 2024 नामक इस आयोजन का मुख्य विषय मिशन 500 गीगावॉट है, जो भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से संचालित किया जा रहा है।
सम्मेलन में ग्रीन हाइड्रोजन, भविष्य के ऊर्जा समाधान, और नवकरणीय ऊर्जा के लिए वित्तीय विकल्पों पर चर्चा होगी। जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, और नॉर्वे जैसे अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के अलावा, भारत के प्रमुख राज्य मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना, और उत्तर प्रदेश भी इस सम्मेलन में भागीदार हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस मौके पर मध्य प्रदेश में क्लीन और ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों और परियोजनाओं का प्रस्तुतिकरण करेंगे, जिससे राज्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।
ढाई दिवसीय सम्मेलन में ग्रीन हाइड्रोजन, अभिनव वित्त पोषण, और भविष्य के ऊर्जा समाधानों पर गहन चर्चा की जाएगी। इस कार्यक्रम में जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, और नॉर्वे जैसे अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ-साथ भारत के कई राज्यों ने भाग लिया है, जिनमें मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।
री-इन्वेस्ट 2024- मिशन 500 गीगावाट
री-इन्वेस्ट 2024 का मुख्य विषय “मिशन 500 गीगावाट” है, जो 2030 तक अपनी अक्षय ऊर्जा क्षमता का उल्लेखनीय विस्तार करने के भारत के लक्ष्य पर प्रकाश डालता है. स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता में वैश्विक स्तर पर चौथे सबसे बड़े देश के रूप में, भारत का लक्ष्य वैश्विक ऊर्जा संक्रमण में अपने नेतृत्व को मजबूत करना है।
आयोजन के लिए अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों में ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, जर्मनी और नॉर्वे शामिल हैं. आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश जैसे भारतीय राज्य भी भाग लेंगे. जर्मनी और डेनमार्क के मंत्रियों सहित अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, यूरोपीय संघ, ओमान, यूएई, सिंगापुर और हांगकांग के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल इसमें शामिल होंगे.