आज से ठीक 4 साल पहले रात को 8 बजे पीएम मोदी ने नोटबंदी करके सबको हैरान कर दिया था। पीएम मोदी ने अचानक से टीवी पर आकर पांच सौ और एक हजार के नोट बंद कर दिए थे। इससे पुरे देश में अफरा तफरी मच गई थी।
पीएम मोदी ने ट्विटर पर नोटबंदी के अपनी सरकार के फैसले के लाभों को गिनाया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि नोटबंदी ने कालेधन को कम करने में, टैक्स अनुपालन बढ़ाने में तथा पारदर्शिता लाने में मदद की है. इसके देश को बहुत फायदे मिले हैं।
Demonetisation has helped reduce black money, increase tax compliance and formalization and given a boost to transparency.
These outcomes have been greatly beneficial towards national progress. #DeMolishingCorruption pic.twitter.com/A8alwQj45R
— Narendra Modi (@narendramodi) November 8, 2020
प्रधानमंत्री ने एक ग्राफिक के जरिए समझाया कि किस तरह से नोटबंदी से कर संग्रह में बढ़ोतरी हुई. टैक्स और जीडीपी का अनुपात बढ़ा। भारत पहले के मुकाबले कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बना और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती मिली।
इधर कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार पीएम मोदी पर निशाना साध रहे है और वीडियो के जरिए अपनी बात देश के सामने रख रहे है। आज उसी कड़ी में उन्होंने एक और वीडियो शेयर किया है जिसमें नोटबंदी के बाद देश में आये बदलाव पर उन्होंने बात की है। उन्होनें आज से चार साल पहले की गई इस नोटबंदी को साजिश बताया है।
नोटबंदी PM की सोची समझी चाल थी ताकि आम जनता के पैसे से ‘मोदी-मित्र’ पूँजीपतियों का लाखों करोड़ रुपय क़र्ज़ माफ़ किया जा सके।
ग़लतफ़हमी में मत रहिए- ग़लती हुई नहीं, जानबूझकर की गयी थी।
इस राष्ट्रीय त्रासदी के चार साल पर आप भी अपनी आवाज़ बुलंद कीजिए। #SpeakUpAgainstDeMoDisaster pic.twitter.com/WIcAqXWBqA
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 8, 2020
राहुल गाँधी ने आज एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वो कह रहे है की मोदी जी ने बस कुछ लोगों को फायदा देने के लिए इतना बड़ा कदम ले लिया। वो कह रहे है, आज हिंदुस्तान के सामने एक बहुत बड़ा सवाल है कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था भारत के आगे कैसे निकल गई ?
एक समय था जब हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था काफी अच्छी थी. वहीं मोदी सरकार वर्तमान में अर्थव्यवस्था के बुरे हाल के लिए कोविड को जिम्मेदार ठहराती है लेकिन कोविड तो बांग्लादेश में भी है और बाकी दुनिया में भी है लेकिन हिंदुस्तान पीछे क्यों हैं ?