नई दिल्ली : बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर पीएम मोदी आज वेसाक वैश्विक समारोह को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मानव ने दशकों में ऐसे संकट का सामना नहीं किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भविष्य में घटनाओं को कोरोना से पहले और कोरोना के बाद के तौर पर याद किया जाएगा।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, ”पिछले साल भी मैंने वैसाक पर इस कार्यक्रम को संबोधित किया था। यह कार्यक्रम कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे सभी फ्रंट लाइन वर्कर्स के सम्मान में था। एक साल बाद हम देख रहे हैं कि निरंतरता और बदलाव का संयोग देख रहे हैं। कोरोना खत्म नहीं हुआ है, भारत समेत कुछ देशों में दूसरी लहर आयी है। मानव ने दशकों में ऐसे संकट का सामना नहीं किया।” कोरोना का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना की वजह से पूरी दुनिया संकट में है। भारत समेत दुनिया के कई देशों ने कोरोना की दूसरी लहर का सामना किया है। कोरोना संकट काल में मेडिकल स्टाफ ने जान दांव पर लगाकर सेवा दी।
पीएम मोदी ने कहा कि जिन लोगों ने इस दौरान अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। कोरोना ने पूरी दुनिया को बदलकर रख दिया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि इस मुश्किल वक्त में बुद्ध के आदर्शों पर चलना जरूरी है। कोरोना के खिलाफ जंग में हमें बौद्ध संस्थाओं से सहयोग मिल रहा है।
पीएम मोदी ने वेसाक वैश्विक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘कई देशों और भारत ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर को महसूस किया। हमने एक सदी से इस तरह की महामारी नहीं देखी। पिछले एक साल में कई बदलाव हुए। अब हमें महामारी की बेहतर समझ है, हमारे पास वैक्सीन है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि, ”हमने पिछली एक सदी में ऐसी महामारी नहीं देखी। यह महामारी कई लोगों के दरवाजे पर दुख और दर्द लेकर आयी। महामारी ने सभी देशों को प्रभावित किया है। आर्थिक रूप से भी काफी नुकसान हुआ है। हमारा ग्रह कोरोना के बाद पहले जैसा नहीं रहेगा। भविष्य में घटनाओं को कोरोना से पहले और कोरोना के बाद के तौर पर याद किया जाएगा।”
आपको बता दें कि यह आयोजन भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) के सहयोग से करता है। इसमें दुनिया भर के बौद्ध संघों के सर्वोच्च प्रमुख शामिल होंगे। पीएमओ के मुताबिक इस समारोह को दुनिया के 50 से अधिक प्रमुख बौद्ध धार्मिक नेता संबोधित करेंगे। वेसाक-बुद्ध पूर्णिमा को गौतम बुद्ध के जन्म, बुद्धत्व की प्राप्ति और महा परिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है।