उत्तराखंड के झुग्गी-झोपड़ियों वाले इलाकों में प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 (PMAY 2.0) के तहत महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहा है। इस योजना में पेश किए गए नए प्रावधान झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों के पुनर्वास पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिससे रहने की स्थिति में सुधार के लिए सहायता मिलती है।
वर्तमान में, राज्य में 582 झुग्गियाँ पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रही हैं और सरकार इस मुद्दे को व्यापक दृष्टिकोण से संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
PMAY 2.0, जिसे पहले ही लॉन्च किया जा चुका है, इन क्षेत्रों के निवासियों की सहायता के लिए दो प्रमुख श्रेणियाँ लेकर आया है।
लाभार्थी-नेतृत्व निर्माण (BLC): इस श्रेणी में, उन व्यक्तियों को सहायता प्रदान की जाती है जो अपनी ज़मीन पर अपना घर बनाना चाहते हैं। केंद्र सरकार ₹2.25 लाख का योगदान देगी, जबकि राज्य सरकार इस राशि में ₹50,000 जोड़ेगी।
भूमि के दस्तावेज़ बनाने की प्रक्रिया भी निःशुल्क होगी, जिससे लाभार्थियों के लिए सहायता का दावा करना आसान हो जाएगा।
भागीदारी में किफायती आवास (AHP): इस श्रेणी के अंतर्गत, निजी डेवलपर्स की मदद से झुग्गियों को बेहतर बनाया जा सकता है। यदि झुग्गी का वर्तमान स्थान उपयुक्त नहीं है, तो सरकार निवासियों को बेहतर स्थान पर स्थानांतरित करने की सुविधा प्रदान कर सकती है। इसके लिए सरकार द्वारा अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाएगी।
PMAY 2.0 में झुग्गी-झोपड़ियों के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने पर भी ध्यान दिया गया है। सड़क, स्वच्छता और जलापूर्ति जैसे बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इससे इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार होगा।
राज्य सरकार कई सालों से झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों के पुनर्वास की योजना पर काम कर रही है, PMAY 2.0 के लॉन्च होने के बाद इस योजना में तेज़ी आने की उम्मीद है।
This Post is written by Abhijeet Kumar yadav