रिपोर्ट: मोहम्मद आबिद
इस्लामाबाद: यार से यारी की बात को आपने सुनी होगी लेकिन यह भी आपने सुना होगा की यार से यारी की है तो गद्दारी नहीं की जा सकती है।कहा जाता है की अगर किसी भी यार से यारी की जा रही है तो गद्दारी नहीं की जा सकती है।
पाकिस्तान एक ऐसा देश जो हर समय कंगाली में जीता है और दूसरों से दया की भीख मांगता रहता है लेकिन भारत के सामने शेर बनने की सोचता रहता है लेकिन उसकी गीदड़ भभकी धरी की धरी रह जाती है और चीन के सामने हाथ फैलाकर भीख मांगता है।
पूरी दुनिया कोरोना के प्रकोप से लड़ रही है और भारत में कोरोना वैक्सीन लगनी शुरू हो चुकी है वहीं दूसरी तरफ दूसरे देशों में भी कोरोना वैक्सीन लग रही है और वहीं अब पाकिस्तान को चीन से कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए सिनोफॉर्म कंपनी की वैक्सीन मिली है।
चीन ने पाकिस्तान को 5 लाख डोज वैक्सीन की खेप दी है, लेकिन अब पाकिस्तान ने ये कहा है कि चीनी वैक्सीन उनके बुजुर्गों पर काम ही नहीं कर रही, बतादें की चीनी कोरोना वैक्सीन 60 साल के ऊपर की उम्र वाले लोगों के किसी काम की नहीं। विशेषज्ञों ने कहा है कि ये वैक्सीन सिर्फ 18 साल से 60 साल तक के लोगों के लिए ही उपयोगी है।
चीन की सिनोफॉर्म कंपनी ने ये कोरोना वैक्सीन विकसित की है और चीन ने इसे फ्री में पाकिस्तान समेत अपने मित्र देशों को दिया है। हालांकि पाकिस्तान की बड़ी आबादी की तुलना में चीन ने सिर्फ 5 लाख डोज दी हैं।
पाकिस्तान सरकार ने देश में कोरोना की तीन वैक्सीन को मान्यता दी है, जिसमें चीन की सिनोफॉर्म कंपनी की वैक्सीन, रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन को मंजूरी दी है। कोविशील्ड वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्रेजेनिका कंपनी ने बनाया है, लेकिन इसका उत्पादन भारत की सीरम इंस्टीट्यूट करती है।