नई दिल्ली : उत्तर पश्चिम पाकिस्तान में चीनी मजदूरों को लेकर जा रही एक बस में धमाका हुआ, इस विस्फोट में 13 लोगों की मौत हो गई। इनमें 9 चीनी कामगार मजदूर भी शामिल थे। बस चीनी इंजीनियरों, सर्वेक्षकों और यांत्रिक कर्मचारियों को कोहिस्तान में दसू बांध की साइट पर ले जा रहा था। हालांकि यह साफ नहीं हो सका कि विस्फोट सड़क किनारे लगे उपकरण की वजह से हुआ या फिर बस के अंदर रखी किसी चीज से।
खैबर-पख्तूनख्वा के शीर्ष पुलिस अधिकारी महानिरीक्षक मोअज्जम जाह अंसारी ने चीनी नागरिकों, दो सैनिकों और दो स्थानीय लोगों की मौत की पुष्टि की। पहचान ना बताने की शर्त पर एक उच्च अधिकारी ने बताया कि, ”विस्फोट के बाद बस गहरी खाई में जा गिरी और भारी नुकसान हुआ। एक चीनी इंजीनियर और एक सैनिक लापता है। बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है और एयर एंबुलेंस से घायलों को बचाने के लिए पूरी सरकारी मशीनरी को लगा दिया गया है।”
अधिकारी ने बताया कि पुलिस जांच कर रही है। घटनास्थल के लिए हेलीकॉप्टर से जा रहे अधिकारी ने कहा कि, “यह तोड़फोड़ की तरह लग रहा है।” कम से कम तीन अन्य अधिकारियों ने पुष्टि की कि बस में एक विस्फोट हुआ है।
हजारा क्षेत्र के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि बस 30 से अधिक चीनी इंजीनियरों को ऊपरी कोहिस्तान में दसू बांध की साइट पर ले जा रही थी। दसू जलविद्युत परियोजना चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) का हिस्सा है। यह बीजिंग की बेल्ट एंड रोड पहल के तहत 65 अरब डॉलर की निवेश योजना है। इस योजना का उद्देश्य पश्चिमी चीन को दक्षिणी पाकिस्तान में ग्वादर समुद्री बंदरगाह से जोड़ना है।
हादसे को लेकर पाकिस्तान में चीनी दूतावास ने भी एक बयान जारी किया है। इसमें कहा गया कि “पाकिस्तान में एक चीनी फर्म की एक परियोजना पर हमला हुआ, जिसमें चीनी नागरिकों की मौत हुई।” दूतावास ने चीनी कंपनियों से अपनी सुरक्षा प्रक्रियाओं को मजबूत करने का आग्रह किया है।