नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्षी दलों की एकजुटता के लिए दूसरी बैठक 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में होने जा रही है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में 24 दल शामिल हो रहे हैं। इससे पहले पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक 15 दल इकट्ठा हुए थे। बेंगलुरु की इस बैठक में आरएलडी के जयंत चौधरी भी शामिल होंगे, जो पिछली बैठक में नहीं थे। इस बार की बैठक में भी आम आदमी पार्टी शामिल होगी हालांकि दिल्ली के अध्यादेश के मामले को लेकर आप और कांग्रेस में अभी भी तनातनी बनी हुई है। कांग्रेस ने अभी तक साफ नहीं किया है कि दिल्ली अध्यादेश पर उनका रुख क्या होगा। बेंगलुरू की इस बैठक में कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, आप, जेडीयू, आरजेडी, सीपीएम, सीपीआई, एनसीपी, शिवसेना, समाजवादी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, सीपीआई एमएल, जेएमएम, आरएलडी, आरएसपी, आईयूएमएल, केरल कांग्रेस एम, वीसीके, एमडीएमके, केडीएमके, केरल कांग्रेस(जे), फॉरर्वड ब्लॉक शामिल होंगे। सोनिया गांधी ने आम आदमी पार्टी समेत सभी पार्टियों को डिनर का न्योता दिया है। विपक्षी दलों की इस बैठक में सोनिया और राहुल गांधी के भी शामिल होने की संभावना है।
बनाए जाएंगे तीन वर्किंग ग्रुप!
बताया जा रहा है कि इस बैठक में तीन वर्किंग ग्रुप बनाए जाएंगे। एक ग्रुप कॉमन एजेंडा तैयार करेगा और समान मुद्दों को तलाशना जिस पर समूचा विपक्ष इकट्ठा होकर चुनाव लड़ सके। दूसरा वर्किंग ग्रुप राज्यों में गठबंधन की रूप रेखा तैयार करेगा। इसी ग्रुप का काम होगा कि विपक्ष का एक ही उम्मीदवार बीजेपी के खिलाफ कैसे उतारा जाए। जबकि तीसरा वर्किंग ग्रुप अगले महीने से विपक्षी नेताओं की साझा रैलियों की तारीखों पर काम करेगा। संयोजक के रूप में नीतीश कुमार का नाम सबसे ऊपर है। यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि NCP में टूट के बाद पहली बार शरद पवार इसमें शामिल होंगे। वहीं ममता बनर्जी वामदलों के बीच बैठेंगी। इस बैठक में विपक्षी नेता अपने फ्रंट का नाम और संयोजक चुनने पर बात करेंगे।