नई दिल्ली: भारत में हिन्दू-मुस्लिम को लेकर हमेशा से विवाद उठता रहा है। इतना ही नहीं साल 2014 में जब भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई तभ से ही वो हर किसी के निशाने पर रही है। एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी निशाना पर आई है।
दरअसल, राज्यसभा में जब कांग्रेस नेट ग़ुलाम नबी आज़ाद की विदाई हो रही थी, तब से ही ये अनुमान लगाया जा रहा था कि वरीष्ठ नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे। जिसे बाद कई ोगों ने उन्हें ट्रोल किया तोह कइयों ने सपोर्ट।
जब ग़ुलाम नबी आज़ाद से इस बारें पूछा गया तो उन्होंने साफ़ कह दिया कि जिस दिन कश्मीर में काली बर्फ होगी उस दिन भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाऊंगा। साथ ही उन्होंने कहा कि उस दिन मैं किसी भी अन्य पार्टी में शामिल हो जाऊंगा।इतना ही नहीं उन्होंने अपने जवाब में हिन्दुस्तानी मुस्लिम होने का मतलब भी बताया।
बात ये है कि जब एक मीडिया हाउस ने उनसे भाजपा में शामिल होने की अफ्वाहो पर सवाल उठाया तो ग़ुलाम नबी आज़ाद ने जवाब दिया, “मैं भाजपा में तब शामिल होऊंगा जब कश्मीर में काली बर्फ होगी। भाजपा ही क्यों उस दिन मैं किसी भी अन्य पार्टी में शामिल हो जाऊंगा।” उन्होंने आगे कहा कि जो लोग ऐसा कहते हैं या ऐसी अफवाहों को फैलाते हैं दरअसल वे मुझे नहीं जानते हैं।
इतना ही नहीं ग़ुलाम ने राजमाता सिंधिया से जुड़ा एक किस्सा भी सुनाया। उन्होंने अपने भाषण में हिंदुस्तानी मुस्लिम होने का मतलब भी बताया। उन्होंने कहा कि मैंने एएमयू में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा था कि देश में माहौल इतना उलझा हुआ है कि पहले जहाँ मुझे चुनाव में 99% हिंदू उम्मीदवार मुस्लिम वोट के लिए प्रचार करने को बुलाते थे तो वहीँ अब यह सिर्फ 40 % तक सिमट कर रह गया है।
उन्होंने आगे कहा कि मेरा यह सन्देश कार्यक्रम में आये पूर्ववर्ती छात्रों के लिए था कि वे संदेशवाहक बन उस भारत को वापस लाने का काम करें जिस भारत में मैंने 1979 का लोकसभा चुनाव महाराष्ट्र से लड़ा था और मेरे सामने जनता पार्टी का हिन्दू उम्मीदवार था। लेकिन मैं फिर भी जीत गया।