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युवा दिवस के मौके पर पीएम मोदी बोले, स्वामी विवेकानंद ने दिया एक और अनमोल उपहार

By: RNI Hindi Desk 
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युवा दिवस के मौके पर पीएम मोदी बोले, स्वामी विवेकानंद ने दिया एक और अनमोल उपहार

पीएम मोदी आज दूसरे राष्ट्रीय युवा संसद महोत्‍सव के कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने अपने सम्बोधन में स्वामी विवेकानंद को याद करते हुए कहा कि आप सभी को राष्ट्रीय युवा दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं। स्वामी विवेकानंद की जन्म जयंती के ये दिन हम सभी को नई प्रेरणा देता है।

उन्होंने आगे कहा आज का ये दिन विशेष इसलिए भी हो गया है कि इस बार युवा संसद देश की संसद के सेंट्रल हॉल में हो रही है। ये सेंट्रल हॉल हमारे संविधान के निर्माण का गवाह है।

मोदी ने कहा आज, मैं अपने भाषण से आपके भाषणों को ट्वीट करने जा रहा हूं। देश को पता होना चाहिए कि युवा संसद कैसे हो रही है और उनके विचारों के बारे में।

मोदी बोले हमारे स्वतंत्रता सेनानी स्वामी विवेकानंद से बहुत प्रभावित थे। जब इन सेनानियों को गिरफ्तार किया गया, तो उनके पास हमेशा स्वामी जी के कार्य थे। उनके कार्यों का मूल्यांकन तब किया गया था, जब यह युवाओं में राष्ट्रवाद को स्थापित करने में कितना प्रभावी था।

उन्होंने कहा स्वामी विवेकानंद ने एक और अनमोल उपहार दिया है। ये उपहार है, व्यक्तियों के निर्माण का, संस्थाओं के निर्माण का। इसकी चर्चा बहुत कम ही हो पाती है।

प्रधानमंत्री ने कहा लोग स्वामी जी के प्रभाव में आते हैं, संस्थानों का निर्माण करते हैं, फिर उन संस्थानों से ऐसे लोग निकलते हैं जो स्वामी जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए नए लोगों को जोड़ते चलते हैं।

पीएम बोले नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बेहतर व्यक्तियों के विकास और बेहतर व्यक्तियों से बेहतर देश बनाने पर केंद्रित है। यह नीति हमारे युवाओं की समझ, उनके निर्णयों और उनके विश्वासों को प्राथमिकता देती है।

मोदी ने कहा स्वामी जी ने शारीरिक और मानसिक शक्ति पर समान रूप से जोर दिया। उन्होंने कहा – ‘लोहे की मांसपेशियां और स्टील की नसें’। उनकी शिक्षाओं से प्रेरित, हम विशेष रूप से भारतीय युवाओं की मानसिक और शारीरिक फिटनेस पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा स्वामी जी कहते थे, पुराने धर्मों के मुताबिक नास्तिक वो है जो ईश्वर में भरोसा नहीं करता। लेकिन नया धर्म कहता है, नास्तिक वो है जो खुद में भरोसा नहीं करता।

ये स्वामी जी ही थे, जिन्होंने उस दौर में कहा था कि निडर, बेबाक, साफ दिल वाले, साहसी और आकांक्षी युवा ही वो नींव है जिस पर राष्ट्र के भविष्य का निर्माण होता है।
वो युवाओं पर, युवा शक्ति पर इतना विश्वास करते थे।

हमारा युवा खुलकर अपनी प्रतिभा और अपने सपनों के अनुसार खुद को विकसित कर सके इसके लिए आज एक environment और इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है।
शिक्षा व्यवस्था हो, सामाजिक व्यवस्था हो या कानूनी बारीकियां, हर चीज में इन बातों को केंद्र में रखा जा रहा है।

हमारे युवाओं द्वारा हमारे स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया गया था। शहीद खुदीराम बोस की आयु केवल 18-19 वर्ष की थी, जब उन्हें लटका दिया गया था! वीर भगत सिंह की आयु 23-24 वर्ष की थी, जब वे भूखे थे और बिरसा मुंडा बहुत छोटे थे। उन्होंने एक संकल्प लिया था और इसके लिए संघर्ष किया था।

पहले देश में ये धारणा बन गई थी कि अगर कोई युवक राजनीति की तरफ रुख करता था तो घर वाले कहते थे कि बच्चा बिगड़ रहा है। क्योंकि राजनीति का मतलब ही बन गया था- झगड़ा, फसाद, लूट-खसोट, भ्रष्टाचार। लोग कहते थे कि सब कुछ बदल सकता है लेकिन सियासत नहीं बदल सकती।

उन्होंने अपने सम्बोधन में आगे कहा भाई-भतीजावाद की राजनीति अपने आखिरी दिनों को देख रही है। हालांकि यह पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। अभी भी ऐसे लोग हैं जो केवल राजनीति में अपने परिवार के रुख को बचाने के लिए राजनीति करना चाहते हैं। इस तरह की राजनीति ation नेशन फर्स्ट ’को दूसरा और & माय फैमिली एंड माय बेनिफिट्स’ को अपनी पहली प्राथमिकता के रूप में रखती है।

मोदी बोले भारत के युवाओं को परिवार-आधारित राजनीति की इस प्रथा को समाप्त करने के लिए राजनीति में प्रवेश करने की आवश्यकता है। हमारी लोकतांत्रिक प्रथाओं को बचाना महत्वपूर्ण है। युवाओं को सेंट्रल हॉल तक पहुंचने की जरूरत है और भविष्य में राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए हमें अपना अगला गेन तैयार करना होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा जो समाज संकटों में भी प्रगति के रास्ते बनाना सीख लेता है, वो समाज अपना भविष्य खुद लिखता है। इसलिए आज भारत और 130 करोड़ भारतवासी अपना उत्तम भविष्य खुद गढ़ रहे हैं।

लेकिन आज राजनीति में ईमानदार लोगों को भी मौका मिल रहा है। Honesty और Performance आज की राजनीति की पहली अनिवार्य शर्त होती जा रही है। भ्रष्टाचार जिनकी legacy थी, उनका भ्रष्टाचार ही आज उन पर बोझ बन गया है। वो लाख कोशिशों के बाद भी इससे उभर नहीं पा रहे हैं।

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