1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. डासना मंदिर मामला: बच्चे की पिटाई पर मुसलमानों ने कहा- बच्चे की पिटाई की पर हमने मंदिर बनाने में मदद की थी, प्रेस रिव्यू

डासना मंदिर मामला: बच्चे की पिटाई पर मुसलमानों ने कहा- बच्चे की पिटाई की पर हमने मंदिर बनाने में मदद की थी, प्रेस रिव्यू

By: RNI Hindi Desk 
Updated:
डासना मंदिर मामला: बच्चे की पिटाई पर मुसलमानों ने कहा- बच्चे की पिटाई की पर हमने मंदिर बनाने में मदद की थी, प्रेस रिव्यू

रिपोर्ट: सत्यम दुबे

गाजियाबाद: पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक विडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक अल्पसंख्यक समुदाय का युवक 12 मार्च को गाजियाबाद के डासना मंदिर में पानी पीने के लिए मंदिर परिसर में गया था। जिसके बाद वहां उपस्थित कुछ लोंगो ने युवक की पिटाई कर दी थी। सोशल मिडिया पर लोग वायरल इस विडियो पर अपनी-अपनी राय रखने लगे। मामला वायरल होने के बाद पुलिस ने आरोपी श्रृंगी यादव को 13 मार्च की रात गिरफ्तार कर लिया था। गुरुवार को श्रृंगी यादव को जमानत पर रिहा कर दिया गया।

जमानत पर रिहाई के बाद बाहर आये श्रृंगी ने बड़ा खुलासा किया है। श्रृंगी ने सुदर्शन न्यूज से बातचीत करते हुए कहा कि वो लड़का झूठ बोल रहा है। श्रृंगी ने आगे बताया कि मंदिर में कई शिवलिंग विराजमान है। उस लड़के को शिवलिंग पर चढ़ाए गए जल में पेशाब करते हुए देखा था। इसके साथ ही श्रृंगी ने कहा कि अगर उसे पानी पीना होता तो वो मंदिर के बाहर कई चापाकल और नल हैं, उनमें से पी लेता।

आपको बता दें कि डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने बोर्ड लगवाकर लिखवाया है कि यह मंदिर हिन्दुओं का पवित्र स्थल है, यहाँ मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित है। इसपर उन्होने कहा कि हर मंदिरों पर ऐसे बोर्ड होने चाहिए, क्योंकि जिनका मंदिर में कोई काम ही नहीं है तो उनको प्रवेश ही क्यों करने दिया जाय। नरसिंहानंद सरस्वती की यह पहल अब सार्थक हो रही है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट की मानें तो डासना के इस मंदिर में जहां बच्चे की पिटाई हुई थी। इस मंदिर के निर्माण में मुसलमानों ने भी मदत की थी। अखबार के मुताबिक डासना और मसूरी के मुसलमानों का कहना है कि एक समय यहाँ सांप्रदायिक सौहार्द का माहौल था और इस मंदिर के निर्माण में मुसलमानों ने भी मदद की थी। रिपोर्ट में दावा किया गया कि 80 के दशक में मंदिर के निर्माण में मुसलमानों ने भी बढ़-चढ़कर सहयोग किया था।

स्थानीय मुसलमानों ने बताया कि कुछ साल पहले तक मुसलमान भी मंदिर परिसर में बने तालाब में डुबकी लगाने जाते थे। यहां ये मान्यता है कि तालाब के पानी में डुबकी लगाने से बीमारियां ठीक हो जाती हैं। इतना ही नहीं मंदिर परिसर में एक मैदान भी है जिसमें कभी अखाड़ा हुआ करता था। इसमें हिंदू और मुसलमान बच्चे पहलवानी का प्रशिक्षण लिया करते थे।

रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय लोगों ने बताया कि यति नरसिंहानंद सरस्वती के मंदिर का प्रमुख बनने के बाद से वहां का माहौल बदल गया है। सबसे पहले उन्होंने दशहरा मेले में मुसलमानों को आने से रोका और फिर मंदिर के बाहर मुसलमानों का प्रवेश वर्जित करने का बोर्ड लगा दिया।

बीते 12 मार्च को इसी मंदिर में पानी पीने गए एक मुसलमान बच्चे को बुरी तरह पीटने का वीडियो वायरल हुआ था। जबकि मंदिर के प्रमुख यति नरसिंहानंद सरस्वती का आरोप है कि बच्चा मंदिर का अपमान कर रहा था। उन्होंने बच्चे की पिटाई को सही ठहराया है।

 

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...