राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को के. संजय मूर्ति को भारत के नए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक यानि सीएजी के रूप में शपथ दिलाई। हिमाचल प्रदेश कैडर के 1989 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी मूर्ति, गिरीश चंद्र मुर्मू का स्थान लेंगे, जिन्होंने बुधवार को अपना कार्यकाल पूरा कर लिया।
शपथ ग्रहण समारोह गुरुवार की सुबह 10 बजे राष्ट्रपति भवन के रिपब्लिक हॉल में हुआ, जहाँ मूर्ति ने राष्ट्रपति के समक्ष पद की शपथ ली। इस समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल समेत कई व्यक्ति मौजूद थे।
गिरीश चंद्र मुर्मू का कार्यकाल पूरा होने के बाद सोमवार को केंद्र सरकार ने मूर्ति की नियुक्ति की घोषणा की। सीएजी के तौर पर मूर्ति सरकारी खातों की ऑडिटिंग और सार्वजनिक वित्त की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगे। करदाताओं के पैसे के प्रबंधन की देखरेख और यह सुनिश्चित करने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी कि सार्वजनिक धन का कुशलतापूर्वक और जिम्मेदारी से उपयोग किया जाए।
के. संजय मूर्ति उच्च शिक्षा मंत्रालय के सचिव के रूप में कार्यरत थे। शासन में उनके विशाल अनुभव और ईमानदारी के लिए उनकी प्रतिष्ठा के साथ, उन्हें सीएजी कार्यालय का नेतृत्व करने और भारत में वित्तीय परीक्षा प्रक्रियाओं को मजबूत करने के लिए अच्छी स्थिति में रखते हैं।
सीएजी के रूप में गिरीश चंद्र मुर्मू के कार्यकाल के दौरान, वित्तीय जवाबदेही सुनिश्चित करने में कार्यालय की भूमिका काफी बढ़ गई थी और अब के. संजय मूर्ति इस महत्वपूर्ण मिशन को आगे बढ़ाएंगे।
This Post is written by Shreyasi Gupta