देश में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है, जिससे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग सहित गैर-संचारी रोगों का खतरा बढ़ गया है। सालाना मौतों में 60% से अधिक हिस्सेदारी इन्हीं रोगों की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मोटापे को लेकर जनता को सचेत किया था, जिसके बाद अब देशभर में एक व्यापक जनभागीदारी अभियान शुरू होने जा रहा है।
इस अभियान के तहत मोटापे को एक बीमारी के रूप में पहचान दिलाने के लिए स्वास्थ्य टीमें घर-घर जाकर जागरूकता फैलाएंगी और स्वस्थ दिनचर्या पर चर्चा करेंगी। इस मुहिम में 700 मेडिकल कॉलेजों को भी शामिल किया गया है, जिसमें सभी एम्स संस्थान भी भाग लेंगे। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की देखरेख में यह अभियान संचालित होगा।
35 करोड़ भारतीय मोटापे की चपेट मेंर्ट
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, देश में सामान्यीकृत मोटापा 28.6% और पेट का मोटापा 39.5% तक पहुंच गया है। करीब 35 करोड़ भारतीय मोटापे से प्रभावित हैं, जबकि 12 करोड़ लोग मधुमेह, उच्च रक्तचाप और अन्य संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं।
विशेष ओपीडी और आहार पर जागरूकता अभियान
अगले कुछ दिनों में सभी सरकारी अस्पतालों में मोटापे को लेकर विशेष ओपीडी चलाई जाएगी। यहां आहार विशेषज्ञ मरीजों और उनके परिजनों को पौष्टिक भोजन और स्वस्थ जीवनशैली के बारे में मार्गदर्शन देंगे। संतुलित आहार और नियमित व्यायाम की मदद से मोटापे को नियंत्रित करने पर जोर दिया जाएगा।
स्वास्थ्य अभियान के इस बड़े प्रयास से मोटापा और उससे जुड़ी बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण की उम्मीद की जा रही है।