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नोएडा : डॉक्टरों की सूझबूझ से बची महिला की जान, पढ़िए पूरा मामला

By: RNI Hindi Desk 
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नोएडा : डॉक्टरों की सूझबूझ से बची महिला की जान, पढ़िए पूरा मामला

इस धरती पर डॉक्टरों को भगवान युहीं नहीं कहा जाता है। कई बार जैसे भगवान चमत्कार कर हमे एक नया जीवनदान देते है ठीक उसी प्रकार कई बार डॉक्टर्स भी यही करते है।

कुछ ऐसा ही नाम है डॉ. आलोकिता शर्मा जी का जो साल 1993 से gynecologist के तौर पर अपनी सेवाएं इस समाज को निरंतर दे रही है और ना जाने कितनी महिलाओं को उनके हाथों जीवनदान मिला है।

दरअसल मामला बुधवार की दोपहर का है जब दोपहर एक बजकर 25 मिनट पर Dr Bhimrao Ambedkar Multispeciality Hospital { नोएडा सेक्टर 30 जिला अस्पताल } में एक साढ़े आठ महीने की गर्भवती लहूलुहान अवस्था में पहुंची थी।

हमने जब इस बारे में डॉ. आलोकिता से बात की तो उन्होंने बताया कि उस गर्भवती महिला की पिछली जांच का ना तो कोई रिकॉर्ड था और ना ही पिछले साढ़े आठ महीनें में उसका कोई टेस्ट हुआ था।

उस महिला का रक्त स्त्राव भी बहुत अधिक हो रहा था और उसका बीपी ९०/६० हो गया था। डॉ. आलोकिता ने यह भी बताया कि वो महिला बेहद कमजोर थी और मरणासन्न अवस्था में थी।

उस महिला का प्लेसेंटा भी बाहर की और आ गया था जो की आम तौर पर बच्चे के जन्म के बाद आता है वहीं उस महिला का पिछला बच्चा भी सिजेरियन हुआ था तो ऐसे में उनकी टीम के सामने दोहरी चुनौती आ गई थी।

लेकिन डॉक्टर आलोकिता और उनकी टीम ने सबसे पहले बिना समय गवाएं उस गर्भवती महिला को ऑपरेशन थिएटर में भर्ती किया और खून का इंतज़ाम किया।

इसके बाद तुरंत ब्लड रिप्लेसमेंट किया और जितने भी लाइफ सेविंग मेजर लेने थे वो लिए गए।

इसके बाद उनकी टीम ने लगभग 3 बोतल खून और आवश्यक दवाइयां देकर उस महिला को ठीक किया और ठीक आधे घंटे बाद उस महिला ने एक बच्ची को जन्म दे दिया।

हमे पता चला है कि शुरू में बच्ची कमजोर थी लेकिन फिलहाल माँ और बच्ची दोनों स्वस्थ्य है। इस काम में उनकी टीम में डॉक्टर अरुणा, विनीता , स्टाफ नर्स रीना और ओटी मोहित का भी काफी सहयोग रहा है।

हमसे बात करते हुए डॉ. आलोकिता ने बताया कि हर गर्भवती महिला को अपनी प्रेग्नेंसी के दौरान हर महीने आवश्यक ब्लड टेस्ट करवाने चाहिए और समय समय पर अपने बीपी को चेक करवाना चाहिए।

उन्होंने यह भी बताया कि बुधवार को वो महिला जिस हालत में आई थी आम तौर पर ऐसी हालत में महिला का बचना असंभव होता है।

इसलिए हम भी डॉक्टर आलोकिता के माध्यम से सभी पाठकों से निवेदन करते है कि अगर आपके सम्पर्क में कोई गर्भवती महिला है तो उसे समय समय पर डॉक्टर्स से सलाह लेने के लिए कहे।

वहीं अगर बात करे डॉक्टर आलोकिता की तो वो साल 1993 से इस प्रोफेशन में है और हज़ारों महिलाओं को सुरक्षित प्रसव करवा चुकी है। उनकी इस सेवा को आरएनआई की पूरी टीम की और से हम सलाम करते है।

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