जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने सोमवार को सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली हैं। सोमवार को नीतीश कुमार के साथ बीजेपी के सात मंत्रियों, जदयू से पांच मंत्रियों, ‘हम’ पार्टी और वीआईपी पार्टी से एक-एक मंत्रियों ने शपथ ली।
बीजेपी विधानमंडल दल के नेता एवं कटिहार से विधायक तारकिशोर प्रसाद और उपनेता बेतिया से विधायक रेणु देवी ने भी शपथ ली। तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं।
शपथग्रहण होने के बाद अब सबकी नजरें नीतीश कुमार की पहली कैबिनेट बैठक पर हैं।नई सरकार के गठन के बाद नीतीश कुमार आज सुबह 11.30 बजे कैबिनेट की पहली बैठक करेंगे।
बताया जा रहा है कि बैठक के दौरान मंत्रियों के विभागों का बंटवारा किया जा सकता है। इसके अलावा कोरोना समेत कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
जबकि, 23 नवंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। इस दिन नवनिर्वाचित विधायकों को स्पीकर शपथ दिलवाएंगे। मंगलवार को होने वाली नई सरकार की पहली बैठक में विधानसभा का विशेष सत्र पर सहमति ली जाएगी। माना जा रहा है कि यह सत्र एक सप्ताह का हो सकता है।
वहीं राजद नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर नीतीश को बधाई दी और तंज की शैली में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नीतीश कुर्सी की महत्वाकांक्षा की बजाय बिहार की जनाकांक्षा और सकारात्मक मुद्दों को सरकार की प्राथमिकता बनाएंगे।
तेजस्वी ने ट्वीट किया, “आदरणीय नीतीश कुमार जी को मुख्यमंत्री ‘मनोनीत’ होने पर शुभकामनाएं।” अपने ट्वीट में तेजस्वी ने कहा कि, “आशा करता हूं कि कुर्सी की महत्वाकांक्षा की बजाय वो बिहार की जनाकांक्षा और एनडीए के 19 लाख नौकरी-रोजगार और पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिंचाई, सुनवाई जैसे सकारात्मक मुद्दों को सरकार की प्राथमिकता बनाएंगे।”
मोदी ने ट्वीट कर कहा, “बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए नीतीश कुमार जी को बहुत बधाई। बिहार सरकार में मंत्री के रूप में शपथ लेने वालों को भी बधाई। राजग परिवार बिहार के विकास के लिए मिलकर काम करेगा। बिहार के कल्याण के लिए केंद्र की ओर से मैं आपको हरसंभव मदद का आश्वासन देता हूं।”
बता दें, 10 नवंबर को आए बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम में एनडीए गठबंधन ने 125 सीटों पर विजय हासिल की है। जबकि महागठबंधन को केवल 110 सीटें मिलीं। आरजेडी 75 सीटों पर कब्जा जमाकर बिहार चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। जबकि कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़कर मात्र 19 सीटें ही जीत सकी। इसके अलावा वाम दलों ने 16 सीटों पर विजय हासिल की है।