भारत में कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से आयकर विधेयक 2025 को आज संसद में पेश किए जाने की संभावना है। यह विधेयक पुरानी जटिल कर प्रक्रियाओं को आसान बनाने और करदाताओं के लिए फाइलिंग प्रक्रिया को अधिक सुगम बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।
आयकर विधेयक 2025 की मुख्य विशेषताएं
🔹 पुराने और नए टैक्स सिस्टम का विकल्प: करदाताओं को पुरानी कर व्यवस्था और नई कर व्यवस्था में से किसी एक को चुनने की सुविधा दी जाएगी।
🔹 जटिल शब्दों को हटाया गया: आकलन वर्ष जैसी जटिल शब्दावली की जगह कर वर्ष की संकल्पना लाई गई है।
🔹 करदाता अधिकार चार्टर: इसमें करदाताओं के अधिकारों और दायित्वों का विवरण शामिल होगा।
🔹 डिजिटल टैक्स फाइलिंग: आयकर रिटर्न फाइलिंग को सरल और डिजिटल बनाने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
🔹 व्यवसायों और विदेशी निवेश को बढ़ावा: कंपनियों और छोटे व्यापारियों (SMEs) को नए कर लाभ और छूट मिलने की उम्मीद है।
🔹 फ्रिंज बेनेफिट टैक्स (FBT) समाप्त: पुराने अनावश्यक कर प्रावधानों को हटाया गया है।
🔹 आसान भाषा और संरचना: नया विधेयक 536 धाराओं, 23 अध्यायों और 16 अनुसूचियों के साथ मात्र 622 पृष्ठों में प्रस्तुत किया गया है, जो इसे अधिक समझने योग्य बनाता है।
🔹 वेतन कर कटौती को सरल किया गया: ग्रेच्युटी, मानक कटौती और अन्य वेतन लाभों को एक ही स्थान पर व्यवस्थित किया गया है।
नया आयकर कानून एक अप्रैल, 2026 से लागू होने की उम्मीद
सरकार द्वारा कर प्रणाली को सरल, पारदर्शी और अधिक समझने योग्य बनाने के लिए आयकर विधेयक 2025 पेश किया गया है, जिसे 1 अप्रैल 2026 से लागू किए जाने की उम्मीद है।
क्यों जरूरी था नया आयकर कानून?
पिछले 60 वर्षों में हुए लगातार संशोधनों से वर्तमान आयकर अधिनियम जटिल हो गया था। नया विधेयक इसे सरल और करदाताओं के लिए अधिक सुविधाजनक बनाने का प्रयास है।
यदि यह विधेयक पारित होता है, तो 1 अप्रैल 2026 से करदाताओं को एक नई, सरल और पारदर्शी कर प्रणाली मिलेगी।