नई दिल्ली : देश के बड़े उद्योगपतियों में शामिल मुकेश अंबानी के घर के बाहर स्कॉर्पियों में मिले विस्फोटक के बाद लगातार हो रही जांच में कुछ ना कुछ नया खुलासा हो रहा है। जिसमें अब गृह मंत्री अनिल देशमुख का भी नाम सामने आ रहा है, हालांकि यह नाम मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा लगाये गये आरोपों के बाद आया है। जिसमें उन्होंने एक लेटर के जरिये ये दावा किया था कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने API सचिन वाजे को हर महीनें 100 करोड़ की वसूलने की बात कहीं थी।
आपको बता दें कि परमबीर सिंह के इस लेटर बम के बाद महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है। इसे लेकर विपक्षी पार्टी भाजपा अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग कर रही है। हालांकि इतने गंभीर आरोप लगने के बावजूद भी महाराष्ट्र सरकार अनिल देशमुख को हटाने को तैयार नहीं है। वहीं शरद पवार लगातार गृह मंत्री अनिल देशमुख का बचाव कर रहे है।
सूत्रों की मानें तो देशमुख को लेकर एनसीपी दो भागों में बंट गया है। जिसमें अजित पवार गुट चाहता है कि देशमुख इस्तीफा दें, जबकि शरद पवार गुट उनके इस्तीफा देने के पक्ष में नहीं है। शरद पवार, जयंत पाटिल उनके इस्तीफे को तैयार नहीं और अजित पवार, दिलीप वलसे पाटिल का कहना है कि देशमुख के इस्तीफ़े से ही इस मामले का अंत हो सकता है। हालांकि जिस प्रकार NCP प्रमुख शरद पवार लगातार देशमुख का बचाव कर रहे है, उससे अब देखना यह बहुत दिलचस्प हो गया है कि, देशमुख इस्तीफ़ा देते हैं या नहीं। फिलहाल परमबीर के पत्र के बाद महाविकास अघाड़ी सरकार बैकफुट पर आ गई है।
इस मामलें को लेकर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि गृह मन्त्री अनिल देशमुख पर जो आरोप लगे हैं वो बहुत गंभीर हैं, उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए, फडणवीस ने कहा, मुंबई की पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने पत्र के माध्यम से जो आरोप लगाए हैं वो गंभीर है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए या मुख्यमंत्री को उन्हें हटाना चाहिए।
आरपीआई नेता और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि, हमारी मांग है कि सचिन वाझे और शिवसेना का संबंध बहुत नजदीक दिख रहा है। देवेंद्र फडणवीस ने भी इस विषय पर अपनी बात रखी है। ये प्रकरण गंभीर है। मैं गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखने जा रहा हूं महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू होना ही चाहिए।
आपको बता दें कि शरद पवार द्वारा अनिल देशमुख के बचाव में प्रेस कांफ्रेंस करने के बाद परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट की ओर रूख किया है। साथ ही वो अब भी अपने दावों पर अडिग हैं।