मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक और कदम उठाया है। नए साल की शुरुआत में लाड़ली बहना योजना की पहली किस्त 12 जनवरी को शाजापुर जिले के काला पीपल में आयोजित कार्यक्रम में महिलाओं के खातों में भेजी जाएगी। इस योजना के तहत राज्य सरकार ने महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा की है।
महिला श्रमिकों को 5 हजार रुपये का इंसेटिव: नई योजना की शुरुआत
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने घोषणा की कि राज्य सरकार रेडीमेड गारमेंट्स समेत अन्य उद्योगों में महिला श्रम आधारित रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रति महिला श्रमिक 5 हजार रुपये का इंसेटिव देने की योजना पर काम कर रही है। इस योजना का उद्देश्य महिला श्रमिकों को उनके मेहनत का उचित मूल्य देना और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
मुख्यमंत्री की महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के तहत प्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। मकर सक्रांति के अवसर पर एक बड़े महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें महिलाओं को स्वावलंबी बनाने और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई नई पहल की जाएंगी।
पूर्व सीएम कमलनाथ लाड़ली बहना योजना पर सवाल उठाए
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लाड़ली बहना योजना से महिलाओं के नाम काटे जाने को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार लाड़ली बहना योजना को समाप्त करने की दिशा में काम कर रही है। कमलनाथ का आरोप है कि सरकार महिलाओं की संख्या घटा रही है और महिलाओं का नया पंजीकरण नहीं किया जा रहा है, जिससे योजना का लाभ उन तक नहीं पहुंच पा रहा है।
युवाओं और किसानों के लिए नई योजनाएं: सीएम का दावा
सीएम डॉ मोहन यादव ने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं और किसानों के लिए ‘युवा शक्ति मिशन’ जैसे अभियानों पर भी काम कर रही है, ताकि वे भी सशक्त हो सकें और प्रदेश में सकारात्मक बदलाव आए।
लाड़ली बहना योजना को लेकर उठते सवालों के बीच प्रदेश सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए निरंतर योजनाएं बना रही है।