स्वामी अवधेशानंद ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के उज्जैन में साधु संतों के लिए स्थाई आश्रम बनाने के निर्णय की सराहना की है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह निर्णय सनातन धर्म की संस्कृति को प्रोत्साहित करेगा और मध्य प्रदेश के विकास में योगदान देगा।
उज्जैन में साधु संतों के लिए स्थाई आश्रम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में कहा था कि हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन में भी साधु संतों, महा मंडलेश्वर और अखाड़ा प्रमुखों के लिए स्थाई आश्रम बनाए जाएंगे। इस निर्णय का संत समाज ने स्वागत किया है, और स्वामी अवधेशानंद ने इसे अत्यंत प्रशंसनीय बताया है।
स्वामी अवधेशानंद ने अपने पोस्ट में कहा, “सनातन धर्म संस्कृति में ‘सर्वं खल्विदं ब्रह्म नेह नानास्ति किंचन’ और ‘आत्मवत सर्व भूतेषु’ जैसे दिव्य भावों के संपोषक संत सत्पुरुष हैं।” उन्होंने मुख्यमंत्री के इस निर्णय को उज्जैन के तीर्थ विकास और संतों के प्रति संवेदनशीलता के लिए साधुवाद दिया।
मुख्यमंत्री का आभार
सीएम मोहन यादव ने स्वामी अवधेशानंद की प्रशंसा पर आभार व्यक्त करते हुए कहा, “आपके आशीर्वचनों के लिए आभार। संत एवं ऋषि परंपरा ही सनातन की शक्ति है। पूज्य संतों की चरण रज से इस भूमि का कण-कण पवित्र होगा।”
आपके आशीर्वचनों के लिए आभार…
संत एवं ऋषि परंपरा ही सनातन की शक्ति है। पूज्य संतों की चरण रज से इस भूमि का कण-कण पवित्र होगा। https://t.co/MLzVsI9M1c
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) October 22, 2024
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की भी सराहना
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और निरंजनी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने भी मुख्यमंत्री के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से साधु-संतों में खुशी है और इससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
धार्मिक पर्यटन में वृद्धि
स्वामी अवधेशानंद और अन्य प्रमुख संतों ने मुख्यमंत्री के निर्णय को विकासोन्मुखी बताया है। इस निर्णय से साधु-संतों को मेला क्षेत्र में अपने आश्रम बनाने में आसानी होगी, जिससे भक्तों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
इस प्रकार, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का यह निर्णय धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने में महत्वपूर्ण साबित होगा।